सेक्सिज्म "कूल" नहीं है, पुरुष की शक्ति का प्रदर्शन तब होता है जब वह किसी लड़की/महिला का सम्मान करता है: केरल हाईकोर्ट (वीडियो)
Live Law Hindi
25 Jan 2023 4:51 PM IST
केरल हाईकोर्ट ने स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों के खिलाफ यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं पर ध्यान देते हुए कहा कि अच्छे व्यवहार और शिष्टाचार का पाठ कोर्स का हिस्सा होना चाहिए और कम से कम प्राथमिक कक्षा के स्तर पर शिक्षकों को बच्चों में अच्छे गुण और मूल्य समावेशित करने चाहिए।
जस्टिस देवन रामचंद्रन ने कहा कि पुरुषत्व की पुरातन अवधारणा बदल गई है लेकिन इसे और बदलने की जरूरत है। साथियों और अन्य सामाजिक प्रभावों द्वारा प्रबलित लड़के बहुत कम उम्र से ही अक्सर कुछ निश्चित सेक्सिस्ट रूढ़ियों के साथ बड़े होते हैं। लड़की/महिला का आदर और सम्मान दिखाना पुराने जमाने की बात नहीं है, इसके विपरीत, हर समय के लिए अच्छा गुण है।
सेक्सिज्म स्वीकार्य या "कूल" नहीं है। शक्ति का प्रदर्शन तब होता है जब वह किसी लड़की/महिला का सम्मान करता है। सम्मान अनिवार्यता है, जिसे बहुत कम उम्र में ही विकसित करने की आवश्यकता है। महिला के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है, इससे उसके पालन-पोषण और व्यक्तित्व का पता चलता है।
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