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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद सदस्यों के वेतन में 30% की कमी करने के अध्यादेश को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने COVID-19 लॉकडाउन के कारण हुए आर्थिक नुकसान के मद्देनजर संसद के सदस्यों के वेतन में 30% की कमी करने के लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दी है।
सांसदों के वेतन में यह कटौती 1 अप्रैल, 2020 से लागू होगी और एक साल तक लागू रहेगी। प्रधान मंत्री और केंद्रीय मंत्रियों के वेतन और भत्ते में भी एक वर्ष के लिए 30% की कमी होगी।
सांसदों के वेतन और भत्ते संसद अधिनियम 1954 के सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन के तहत निर्धारित किए जाते हैं, जो समय-समय पर संशोधित किए गए हैं। प्रस्तावित अध्यादेश इस अधिनियम में संशोधन करेगा। इस संबंध में घोषणा केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने की।
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यों के राज्यपालों ने भी सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में स्वेच्छा से वेतन कटौती का फैसला किया है। मंत्रिमंडल ने संसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना कोष के सदस्यों के आवंटन को रद्द करने का भी निर्णय लिया।
MPLADS को दो साल के लिए निलंबित किया जाएगा। कटौती के माध्यम से बचाए गए रुपए भारत के समेकित कोष में जाएगा।