टीले वाली मस्जिद विवाद - परिसर पर कब्जे की मांग को लेकर लखनऊ कोर्ट में भगवान शेषनाग के वाद के सुनवाई योग्य होने को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती
Sharafat
11 April 2023 3:10 PM IST
इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई है, जिसमें शहर की टीले वाली मस्जिद परिसर पर कब्जा करने के लिए लखनऊ न्यायालय के समक्ष लंबित एक मुकदमे के सुनवाई योग्य होने को चुनौती दी गई है। सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने विपक्षी दलों से 28 अप्रैल तक जवाब मांगा है।
लखनऊ सिविल कोर्ट के समक्ष लंबित मुकदमा 2013 में भगवान शेषनागेष्ट तीलेश्वर महादेव विराजमान मित्र डॉ वीके श्रीवास्तव के माध्यम से दायर किया गया था, जिसमें कहा गया था कि मुगल बादशाह औरंगजेब के शासन के दौरान, एक हिंदू धार्मिक ढांचे को टीले वाली मस्जिद के लिए रास्ता बनाने के लिए ध्वस्त कर दिया गया था और इसलिए उक्त परिसर को अब देवता (भगवान शेषनागेष्ट तीलेश्वर महादेव विराजमान) को सौंप दिया जाए।
वादी-देवता का यह भी मामला है कि टीले वाली मस्जिद वास्तव में लक्ष्मण टीला है और इसे मुगल शासन के दौरान एक मस्जिद में परिवर्तित कर दिया गया था। सूट में यह भी दावा किया गया है कि तिलेश्वर मंदिर मस्जिद के अंदर मौजूद है और पूरा परिसर शेषनाग दूधेश्वर महादेव का स्थान है। इस वाद में परिसर के अंदर पूजा अधिकारों के लिए भी प्रार्थना की गई है।
वर्ष 2017 में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) लखनऊ ने मस्जिद पक्षकारों की आदेश 7 नियम 11 सीपीसी याचिका को खारिज करते हुए मुकदमे को सुनवाई योग्य माना था। इसके बाद एडीजे की अदालत ने आदेश के खिलाफ दायर पुनरीक्षण याचिका को भी खारिज कर दिया। इन दोनों आदेशों को चुनौती देते हुए मस्जिद पक्ष (मौलाना सैयद शाह फजलुल मन्नान द्वारा प्रतिनिधित्व) ने हाईकोर्ट का रुख किया है।
याचिकाकर्ता की यह प्राथमिक दलील है कि पूजा स्थल अधिनियम के लागू होने के कारण लखनऊ कोर्ट के समक्ष दायर याचिका सुनवाई योग्य नहीं है ।
जस्टिस मनीष माथुर की खंडपीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए विपक्षी दलों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया।
हिंदू उपासकों का दावा है कि भगवान राम ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण को सनातन काल में लक्ष्मण पुरी बनाने का निर्देश दिया था। निर्देश के बाद, लक्ष्मण ने गोमती के तट पर लक्ष्मणपुरी का निर्माण किया और एक टीले पर एक शिवलिंग की स्थापना की, जिसका नाम शेषनाग तिलेश्वर महादेव (वर्तमान में टीले वाली मस्जिद) रखा गया।
अपीयरेंस
याचिकाकर्ता के वकील : हर्षवर्धन केडिया और शीरन मोहिउद्दीन अलवी, सीनियर एडवोकेट राजू रामचंद्रन
प्रतिवादी के वकील: हरि शंकर जैन, एएसजीआई, सीएससी, फरहान हबीब, रंजना अग्निहोत्री, सैयद आफताब अहमद, अगेंद्र सिन्हा, अपूर्व सक्सेना, सानंदन कुमार मिश्रा, संध्या दुबे, सुधा शर्मा, संदीप तिवारी, और हर्षिता अवस्थी
केस टाइटल - मौलाना सैयद शाह फजलुल मन्नान बनाम मित्र डॉ वीके श्रीवास्तव और 8 अन्य के माध्यम से भगवान शेषनागेष्ट तीलेश्वर महादेव विराजमान 1768/2023