मनरेगा मजदूरी का भुगतान न करना - 'प्रतिवेदन दायर करने पर तीन महीने में कार्रवाई करें': कलकत्ता हाईकोर्ट ने पुरुलिया के डीएम को निर्देश दिया
Sharafat
11 Jan 2023 8:41 PM IST

Calcutta High Court
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को पुरुलिया के जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि अगर मजदूरों को मनरेगा मजदूरी का भुगतान न करने के संबंध में उनके समक्ष कोई प्रतिवेदन दायर किया जाता है तो वे तीन महीने में जांच करें और उचित कार्रवाई करें।
मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस राजर्षि भारद्वाज की पीठ ने दिसंबर 2021 से मनरेगा मजदूरी का भुगतान न करने के संबंध में एक रजिस्टर्ड ट्रेड यूनियन पश्चिम बंगा खेत मजूर समिति द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया ।
न्यायालय के समक्ष याचिका में यह भी कहा गया है कि पात्र श्रमिकों को कोई नया काम नहीं दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि याचिकाकर्ता संघ के वकील ने भी शिकायत की थी कि अनियमितताएं केवल पुरुलिया जिले में ही नहीं बल्कि अन्य जिलों में भी मौजूद हैं।
याचिका में दी गई दलील के संबंध में अदालत ने याचिकाकर्ता संघ को जिला मजिस्ट्रेट, पुरुलिया के समक्ष प्रभावित/पीड़ित श्रमिकों के विवरण के साथ विस्तृत व्यापक प्रतिनिधित्व दर्ज करने की अनुमति देकर जनहित याचिका का निस्तारण किया।
कोर्ट ने डीएम पुरुलिया को निर्देशित किया गया कि वे प्रतिवेदन प्राप्त होने पर जांच करेंगे और सभी संबंधित पक्षों को सुनवाई का अवसर देकर कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करेंगे।
कोर्ट ने कहा कि इस अभ्यास को प्रतिवेदन प्राप्त होने की तारीख से तीन महीने की अवधि के भीतर पूरा किया जाना चाहिए।
जहां तक अन्य जिलों के संबंध में शिकायत का संबंध है, कोर्ट ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता को इस तरह की अनियमितताएं मिलती हैं तो वे संबंधित जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष उचित प्रतिनिधित्व दर्ज करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
इसी के साथ याचिका का निस्तारण कर दिया गया।
याचिकाकर्ताओं के लिए पेश वकील : सीनियर एदवोकेट विकास रंजन भट्टाचार्य, एडवोकेट देबाशीष बनर्जी, राकेश जाना, पूरबयन चक्रवर्ती के साथ
यूनियन ऑफ़ इंडिया के लिए पेश वकील : एडवोकेट ब्रजेश झा
राज्य के लिए पेश वकील : एडवोकेट जहर लाल डे, रुद्रनील डे
केस टाइटल - पश्चिम बंगा खेत मजदूर समिति और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य
साइटेशन :
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