विचारों की अभिव्यक्ति के कारण किसी उम्मीदवार को अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमशेखर सुंदरेसन को बॉम्बे हाईकोर्ट जज के रूप में नियुक्त करने का प्रस्ताव दोहराया

Sharafat

19 Jan 2023 12:48 PM GMT

  • विचारों की अभिव्यक्ति के कारण किसी उम्मीदवार को अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमशेखर सुंदरेसन को बॉम्बे हाईकोर्ट जज के रूप में नियुक्त करने का प्रस्ताव दोहराया

    सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में एडवोकेट सोमशेखर सुंदरेसन को नियुक्त करने के लिए केंद्र को पिछले साल की अपनी सिफारिश को दोहराया है। कॉलेजियम ने इस सिफारिश में कहा है कि सोशल मीडिया पर उनके विचारों का उपयोग यह अनुमान लगाने के लिए नहीं किया जा सकता है कि वह अत्यधिक पक्षपाती विचार वाले व्यक्ति हैं।

    भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ के कॉलेजियम ने कहा,

    “संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत सभी नागरिकों को भाषण और अभिव्यक्ति की आज़ादी का अधिकार है। एक उम्मीदवार द्वारा विचारों की अभिव्यक्ति उसे तब तक एक संवैधानिक पद धारण करने से वंचित नहीं करती है, जब तक कि न्यायाधीश पद के लिए प्रस्तावित व्यक्ति सक्षमता, योग्यता और सत्यनिष्ठा वाला व्यक्ति है।"

    बॉम्बे हाईकोर्ट के कॉलेजियम ने 04 अक्टूबर 2021 को एडवोकेट सोमशेखर सुंदरेसन के नाम की सिफारिश की थी। 16 फरवरी 2022 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए सोमशेखर सुंदरेसन के नाम की सिफारिश की। 25 नवंबर, 2022 को सरकार ने उक्त सिफारिश पर पुनर्विचार की मांग की।

    केंद्र की आपत्ति यह थी कि उन्होंने कई मामलों पर सोशल मीडिया में अपने विचार प्रसारित किए हैं जो अदालतों के विचाराधीन विषय हैं।

    एडवोकेट सोमशेखर सुंदरेसन के नाम को दोहराते हुए कॉलेजियम ने कहा,

    "जिस तरह से उम्मीदवार ने अपने विचार व्यक्त किए हैं, वह इस अनुमान को सही नहीं ठहराता है कि वह "अत्यधिक पक्षपाती विचारों वाला व्यक्ति" हैं या वह "सरकार की महत्वपूर्ण नीतियों, पहलों और निर्देशों पर सोशल मीडिया पर चुनिंदा रूप से आलोचनात्मक" रहे हैं। (जैसा कि न्याय विभाग की आपत्तियों में संकेत दिया गया है) और न ही यह इंगित करने के लिए कोई सामग्री है कि उम्मीदवार द्वारा उपयोग किए गए भाव किसी भी राजनीतिक दल के साथ मजबूत वैचारिक झुकाव के साथ उनके संबंधों का संकेत देते हैं।"

    इसमें कहा गया है कि एडवोकेट सुंदरेसन ने वाणिज्यिक कानून में विशेषज्ञता हासिल की है और यह बॉम्बे हाईकोर्ट के लिए एक संपत्ति होगी, जिसमें अन्य शाखाओं के अलावा वाणिज्यिक और प्रतिभूति कानूनों के मामले बड़ी संख्या में हैं। "न्याय विभाग ने सेकेंड जजेस केस [(1993) 4 एससीसी 441] के पैराग्राफ 175 का इस आशय से उल्लेख किया कि चुने जाने वाले उम्मीदवार में उच्च सत्यनिष्ठा, ईमानदारी, कौशल, भावनात्मक स्थिरता, दृढ़ता, कानूनी सुदृढ़ता, क्षमता और धीरज और शांति का उच्च क्रम होना चाहिए। उम्मीदवार इन गुणों को पूरा करता है।

    "इसलिए कॉलेजियम बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में मिस्टर सोमशेखर सुंदरेसन की नियुक्ति के लिए 16 फरवरी 2022 की अपनी सिफारिश को दोहराने का प्रस्ताव करता है।"

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