'उत्तर प्रदेश मृतक आश्रित भर्ती नियमावली' के तहत पत्नी की मौजूदगी में अनुकंपा नियुक्ति लाभ का दावा बहन नहीं कर सकती: इलाहाबाद हाईकोर्ट

LiveLaw News Network

21 Aug 2022 7:01 AM GMT

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट

    इलाहाबाद हाईकोर्ट

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सेवाकाल में मृतक सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली 1974 (UP Recruitment of Dependents of Government Servants Dying in Harness Rules, 1974) के तहत सेवा के दौरान मृत सरकारी कर्मचारी की पत्नी की मौजूदगी में उसकी बहन को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति का लाभ नहीं दिया जा सकता।

    जस्टिस नीरज तिवारी की पीठ ने कहा कि यूपी डाइंग इन हार्नेस नियम 1974 के अंतर्गत 2021 के नियमों में संशोधन के तहत, एक पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति का पहला अधिकार है, और उसकी उपस्थिति में, बहन को अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार नहीं है।

    संक्षेप में मामला

    मोहिनी नामक महिला ने कोर्ट का रुख कर यूपी सरकार और अन्य को उसके भाई (एक सफाई कर्मचारी) के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति के निर्देश देने की मांग की। भाई की सेवा के दौरान मृत्यु हो गई थी।

    उसने दलील दी कि उसके पिता की मृत्यु के बाद, याचिकाकर्ता के भाई (मृतक-कर्मचारी के बेटे) को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति दी गई थी, हालांकि, एक सड़क दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो गई और इसलिए, उसकी मृत्यु के बाद उसे अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जानी चाहिए और इसके लिए प्रतिवादियों को निर्देश दिया जाए।

    दूसरी ओर प्रतिवादियों के वकीलों ने दलील दी कि नियमावली 1974 के साथ संशोधित नियम 2021 के अनुसार, मृतक-कर्मचारी (याचिकाकर्ता के भाई) की मृत्यु के बाद पहला अधिकार पति या पत्नी को जाता है, दूसरा अधिकार पुत्र/दत्तक पुत्र को जाता है, तीसरा अधिकार बेटियों (दत्तक पुत्रियों सहित) और विधवा बहू को जाता है और चौथा अधिकार अविवाहित भाइयों, अविवाहित बहनों और मृतक सरकारी कर्मचारी पर आश्रित विधवा मां को जाता है यदि मृतक सरकारी कर्मचारी अविवाहित था।

    यह तर्क दिया गया था कि इसमें कोई विवाद नहीं है कि मृतक-कर्मचारी विवाहित था और उसकी पत्नी ने भी अपने पति की मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए दावा किया है, इसलिए, प्रासंगिक नियमों के अनुसार, याचिकाकर्ता को मृतक-कर्मचारी की मृत्यु के बाद नियुक्ति का कोई अधिकार नहीं है और केवल प्रतिवादी संख्या 4 (मृत सरकारी कर्मचारी की पत्नी) को अपने पति की मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति का अधिकार है।

    कोर्ट की टिप्पणियां

    कोर्ट ने कहा कि नियमों के अनुसार अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति का पहला अधिकार सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के मामले में पति या पत्नी को जाता है।

    कोर्ट ने देखा कि इस तथ्य में कोई विवाद नहीं है कि मृतक-कर्मचारी विवाहित था और उसकी पत्नी जीवित है और अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति का दावा भी कर रही है, इसलिए कोर्ट ने माना कि मृत कर्मचारी की पत्नी नियुक्ति की केवल हकदार है और याचिकाकर्ता-बहन को कोई राहत नहीं दी जा सकती।

    इसलिए यह पाते हुए कि याचिका में कोई दम नहीं है और यह खारिज करने योग्य है। तदनुसार, रिट याचिका को उपरोक्त टिप्पणियों के साथ खारिज कर दिया गया। जहां तक याचिकाकर्ता के भरण-पोषण के दावे का संबंध है, कोर्ट ने प्रतिवादी संख्या-चार (उसके भाई की पत्नी) से उचित उपाय तलाशने के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया बशर्ते कोई नियम इसका प्रावधान करता हो।

    केस टाइटल - कुमारी मोहिनी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार और दो अन्य [रिट-अपील नंबर 4174/2022]

    केस साइटेशन : 2022 लाइव लॉ (इलाहाबाद) 380

    आदेश की प्रति डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



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