एक टेस्टिकल वाला व्यक्ति भारतीय नौसेना की सेवा के लिए अयोग्य नहीं : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
Sharafat
14 Jun 2022 12:01 PM GMT
![P&H High Court Dismisses Protection Plea Of Married Woman Residing With Another Man P&H High Court Dismisses Protection Plea Of Married Woman Residing With Another Man](https://hindi.livelaw.in/h-upload/images/750x450_punjab-and-haryana-hcjpg.jpg)
Punjab & Haryana High Court
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने माना है कि एक टेस्टिकल होना कोई विकलांगता नहीं है, जिसके एकमात्र आधार पर किसी उम्मीदवार को भारतीय नौसेना की सेवा के लिए अयोग्य घोषित किया जा सके।
केंद्र द्वारा पारित एक आदेश में प्रतिवादी को नौसेना में नामांकन के लिए अयोग्य घोषित किया गया था, क्योंकि उसके पास एक ही टेस्टिकल है।
जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस विकास सूरी की पीठ ने इस आदेश के संदर्भ में कहा,
" यह दिखाने के लिए रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं है कि यह विकलांगता उस तरह की है जो भारतीय नौसेना की सेवा के लिए उसके रास्ते में आएगी। उक्त आदेश से ऐसा कुछ पता नहीं चलता है कि उस आनुवंशिक दोष के आधार पर रिट याचिकाकर्ता भारतीय नौसेना की सेवा करने की स्थिति में नहीं होगा। "
न्यायालय एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ भारत संघ द्वारा दायर एक अपील पर विचार कर रहा था, जिसमें मेडिकल बोर्ड का गठन करके प्रतिवादी की नए सिरे से मेडिकल जांच का निर्देश दिया गया था ताकि मेडिकली फिट पाए जाने पर उसके पहले के चयन का लाभ दिया जा सके। यह देखा गया कि एकल न्यायाधीश द्वारा पारित निर्देश किसी भी अवैधता से ग्रस्त नहीं है।
गौरतलब है कि प्रतिवादी ने अपना ऑपरेशन करवाया था। यह पाया गया कि यह दाहिनी ओर एक टेस्टिकल का मामला था और उसकी ओर्किओपेक्सी की सर्जरी सफल रही जिसके उक्त अंडकोष को स्क्रोटम में ले जाया गया।
न्यायालय ने यह माना कि मेडिकल बोर्ड द्वारा फिर से जांच करने का एकल न्यायाधीश का आदेश न्यायोचित है।
इस प्रकार न्यायालाय ने अपील खारिज कर दी।
केस टाइटल : भारत संघ और अन्य बनाम नीरज मोर
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