कलकत्ता हाईकोर्ट में COVID-19 वैक्सीन की कीमत में अंतर की नीति को खत्म करने, पल्स पोलियो अभियान के तर्ज पर यूनिवर्सल वैक्सीनेशन की मांग वाली याचिका दायर की गई

LiveLaw News Network

7 May 2021 8:16 AM GMT

  • कलकत्ता हाईकोर्ट में COVID-19 वैक्सीन की कीमत में अंतर की नीति को खत्म करने, पल्स पोलियो अभियान के तर्ज पर यूनिवर्सल वैक्सीनेशन की मांग वाली याचिका दायर की गई

    कलकत्ता हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि वर्तमान परिस्थितियों में COVID -19 वैक्सीन का उपयोग सार्वजनिक लाभ के उद्देश्य से किया जाना चाहिए और COVID - 19 के खिलाफ सार्वभौमिक टीकाकरण के लिए कोविड वैक्सीन का समान रूप से और सही तरीके से वितरित किया जाना चाहिए।

    डॉक्टर फूआद हलीम द्वारा एडवोकेट बीकैश रंजन (वरिष्ठ अधिवक्ता) और एडवोकेट समीम अहमद के माध्यम से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा अपनाई गई विधि अंततः व्यापक टीकाकरण के माध्यम से जनता का भला सुनिश्चित करने के बजाय वैक्सीन निर्माता के लिए लाभ उत्पन्न करेगी।

    केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है कि वैक्सीन निर्माता सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी (सीडीएल) द्वारा महीने में बनाई जा रही डोज का 50% आपूर्ति केंद्र सरकार को करेंगे और शेष 50% डोज राज्य सरकारों और खुले बाजार में आपूर्ति करने के लिए स्वतंत्र होंगे।

    याचिका में कहा गया है कि,

    "यह नीति केंद्र सरकार को टीके के एक कोटा का आश्वासन देगी, जबकि राज्यों वैक्सीन के लिए खुले बाजार से प्रतिस्पर्धा करने के लिए छोड़ दिया जाएगा, खासकर जब 18 से 45 वर्ष के बीच के व्यक्ति को वैक्सीन राज्य सरकार या निजी स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं से प्राप्त करना होगा।"

    याचिका में आगे कहा गया कि टीकों के लिए न्यायसंगत पहुंच सुनिश्चित करने के बजाय नीति जीवनरक्षक वैक्सीन के अनुचित कीमत निर्धारण को प्रोत्साहित करती है और इस प्रकार यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन है और इस प्रकार की नीति को पलटना जरूरी है।

    इसके अलावा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक ने वैक्सीन की प्रत्येक डोज 150 रुपये में भारत सरकार को उपलब्ध कराने का फैसला किया है। याचिका में कहा गया कि भारत सरकार की तुलना में राज्य को कोविशील्ड वैक्सीन (COVISHIELD) प्रति डोज 300 रुपये और कोवैक्सिन (COVAXIN) प्रति डोज 400 रूपये में उपलब्ध कराने का कोई कारण नहीं है।

    याचिका में इस पृष्ठभूमि में प्रस्तुत किया गया कि,

    "इस प्रकार केंद्र सरकार के लिए वैक्सीन की अलग किसी और किसी राज्य सरकार से वैक्सीन के लिए अलग कीमत देने के लिए मजबूर करने की मनमानी पूर्ण नीति है। यह नीति केंद्र सरकार के लिए कम कीमत की तुलना में राज्य सरकारों के बातचीत करने के लिए फायदेमंद बनाती है।"

    याचिका में यह भी कहा गया है कि वैक्सीन निर्माताओं को वैक्सीन की सही कीमत निर्धारित करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और अनुचित मूल्य-निर्धारण नीति को रद्द करने की अनुमति देने का निर्णय लिया जाए।

    याचिका में कहा गया है कि प्रतिवादी अधिकारियों को निर्देश दिया जाए कि वे पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य सभी टीकाकरण केंद्रों को उसी कीमत पर वैक्सीन की आपूर्ति करें जिस कीमत पर केंद्र सरकार को आपूर्ति की जा रही है।

    याचिका में की गईं प्रार्थनाएं

    1. कोविड -19 टीकाकरण की उदार और त्वरित चरण 3 रणनीति से संबंधित केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और निजी स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता के लिए वैक्सीन की कीमत में अंतर निर्धारण के निर्णय को पलटा जाए।

    2. प्रतिवादी अधिकारियों को एक ही स्तर पर वैक्सीन की कीमत तय करने या अन्य निर्माताओं द्वारा वैक्सीन के निर्माण के लिए एक अनिवार्य लाइसेंस जारी करके वैधानिक शक्ति का प्रयोग करने का निर्देश दिया जाए।

    3. प्रतिवादी अधिकारियों को सभी आर्थिक रूप से पिछड़े व्यक्तियों के बीच वैक्सीन वितरित की करने का निर्देश दिया जाए ताकि कोई भी व्यक्ति सरकारी अस्पताल या निजी अस्पताल या किसी अन्य उपयुक्त मोड के माध्यम से वैक्सीनेशन की प्रक्रिया से छूटने न पाए।

    4. COVID - 19 के लिए प्लस पोलियो टीकाकरण अभियान की तर्ज पर एक सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम तैयार करने के लिए प्रतिवादी अधिकारी को दिशा-निर्देश दिया जाए और नियमित रूप से विभिन्न इलाकों में डोर टू डोर टीकाकरण या टीकाकरण शिविर आयोजित किया जाए।

    5. अन्य आवश्यक उपकरणों और दवाओं के साथ अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने के लिए तत्काल व्यवस्था करने के लिए प्रतिवादी अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया जाए ताकि कोविड रोगियों का इलाज उचित तरीके से हो पाए।

    6. उचित और निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिवादी अधिकारियों को निर्देश दिया जाए।

    7. पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को अंतरिम आदेश दिया जाए कि वे प्रतिवादी वैक्सीन निर्माताओं से उस कीमत पर वैक्सीन खरीदें जिस कीमत पर 19 अप्रैल 2021 को केंद्र सरकार को उपलब्ध कराई गई थी।

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