पटना हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार असुरक्षित गवाहों के साक्ष्य दर्ज करने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए

LiveLaw News Network

8 April 2022 10:15 AM GMT

  • पटना हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार असुरक्षित गवाहों के साक्ष्य दर्ज करने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए

    पटना हाईकोर्ट ने कमजोर गवाहों के साक्ष्य दर्ज करने के लिए एक सुरक्षित और अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से असुरक्षित (vulnerable) गवाहों के साक्ष्य की रिकॉर्डिंग के लिए दिशानिर्देश तैयार और अधिसूचित किए।

    सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्मृति तुकाराम बडाडे बनाम महाराष्ट्र राज्य और 2022 लाइव लॉ (एससी) 80 में जारी निर्देशों के आलोक में दिशानिर्देशों को अधिसूचित किया गया।

    स्मृति तुकाराम बाबाडे (सुप्रा) में यह देखते हुए कि "विशेष सुविधाओं की स्थापना की आवश्यकता और महत्व जो असुरक्षित गवाहों के साक्ष्य दर्ज करने के लिए एक सुरक्षित और बाधा मुक्त वातावरण के निर्माण को पूरा करती है, पिछले दो दशकों से इस अदालत का ध्यान आकर्षित कर रही है।" सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में व्यापक निर्देश जारी किए थे।

    सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट को आदेश की तारीख से दो महीने के भीतर अपनी-अपनी योजनाओं में लाने का निर्देश दिया था। वीडब्ल्यूडीसी योजना तैयार करने में हाईकोर्ट को उस योजना का उचित सम्मान करने का निर्देश दिया गया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने इसे महाराष्ट्र राज्य बनाम बंडू @ दौलत में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में विधिवत अनुमोदित किए जाने के बाद तैयार किया था।

    दिशानिर्देशों के साथ संलग्न प्रस्तावना के अनुसार, इस प्रोटोकॉल का उद्देश्य असुरक्षित गवाहों के प्रति न्याय व्यवस्था की प्रतिक्रिया में सुधार के लिए दिशानिर्देश और सिफारिशें प्रस्तुत करना है।

    ये दिशानिर्देश विभिन्न हाईकोर्ट द्वारा तैयार आपराधिक मामलों में असुरक्षित गवाहों के साक्ष्य की रिकॉर्डिंग के लिए दिशा-निर्देशों से तैयार किए गए। स्मृति तुकाराम बडाडे केस (सुप्रा) में पारित आदेश दिनांक 11.01.2022 के तहत जस्टिस गीता मित्तल की अध्यक्षता में गठित कमजोर गवाह बयान समिति के साथ ही प्रासंगिक वैधानिक प्रावधान, निर्णय और असुरक्षित गवाहों के लिए प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय मानक को तैयार किया गया था।

    ये दिशानिर्देश बिहार राज्य में किशोर न्याय बोर्ड सहित हर अदालत पर लागू होंगे और उन्हें अधिसूचना की तारीख यानी 25 मार्च, 2022 से लागू माना जाएगा।

    उड़ीसा एचसी ने भी इसी तरह के दिशा-निर्देशों को तैयार और अधिसूचित किया है। इसका नाम "उड़ीसा असुरक्षित गवाहों का हाईकोर्ट (वीडब्ल्यूडीसी) योजना, 2022" ("योजना") है।

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