पटना हाईकोर्ट ने केंद्र, राज्य सरकार को नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर पेट्रोल पंप की कमी के मामले में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए

Brij Nandan

18 April 2022 11:56 AM GMT

  • पटना हाईकोर्ट ने केंद्र, राज्य सरकार को नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर पेट्रोल पंप की कमी के मामले में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए

    पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने केंद्र और राज्य सरकार को नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर पर्याप्त संख्या में पेट्रोल पंप नहीं होने के मामले में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

    चीफ जस्टिस संजय करोल (Justice Sanjay Karol) और जस्टिस एस कुमार (Justice S Kumar) की डिवीजन बेंच ने इन हाईवे से गुजरने वाले लोगों को होने वाली परेशानियों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य के नेशनल व स्टेट हाईवे पर जनसंख्या और वाहनों की संख्या के अनुपात में पर्याप्त संख्या में पेट्रोल पंप उपलब्ध नहीं है। इससे यहां से गुजरने वाले लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

    कोर्ट को बताया गया कि एक हजार से अधिक आवेदन राज्य सरकार के पास विचाराधीन हैं, जिनके संबंध में वर्ष 2018 में या उसके तुरंत बाद आशय पत्र पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इन मामलों में ज़िला के डीएम की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलने के कारण मामला अटका हुआ हैं।

    कोर्ट ने पूछा कि राज्य नेशनल हाइवे पर कितने पेट्रोल पम्प खोलने की अनुमति दी गई है।

    राज्य की ओर से पेश महाधिवक्ता ललित किशोर ने आश्वासन दिया कि मामले को उच्चतम स्तर पर उठाया जाएगा और जल्द-से-जल्द आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए जाएंगे।

    कोर्ट ने देखा कि तीनों दस्तावेजों को एक साथ पढ़ने से पता चलता है कि वर्ष 2018 से अब तक आकलन के लिए कोई सर्वे नहीं किया गया है।

    कोर्ट ने कहा कि इससे पहले कि हम कोई और आदेश पारित करें, हम गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड सहित तेल विपणन कंपनियों को नई जानकारी देने का निर्देश देते हैं कि कब तक मांग से संबधित सर्वे किया जा सकता है और इसे कब तक पूरा किया जा सकता है।

    कोर्ट ने आदेश दिया कि हमें ऐसा प्रतीत होता है कि तेल वितरण कंपनियों द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़े, विशेष रूप से, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड को कम करके आंका जा सकता है। इसलिए, हम सभी विपणन कंपनियों के स्टेट हेड को उनके व्यक्तिगत हलफनामे के माध्यम से सही जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश देते हैं।

    पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि अब तक नेशनल और स्टेट हाईवे में कितने पेट्रोल पम्प चालू अवस्था में हैं। साथ ही राज्य के विस्तार,जनसंख्या और वाहनों की संख्या के मद्देनजर और कितने पेट्रोल पम्प खोलने की आवश्यकता है। इस बारे में हाल में सर्वे किए गए हैं या नहीं।

    कोर्ट ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य के इन पेट्रोल पंप पर लोगों के लिए बुनियादी सुविधाओं की काफी कमी हैं। पेय जल, मेडिकल किट, शौचालय आदि बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था नहीं है।

    कोर्ट ने निर्देश में कहा था कि इन सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर जानकारी उपलब्ध कराई जाए।

    कोर्ट ने देखा कि राज्य राष्ट्रीय राज मार्ग तथा स्टेट हाईवे पर पेट्रोल पंप सहित अन्य नागरिक सुविधाओं की काफी कमी है। इस कमी को दूर करने के लिए सरकारों ने अब तक कोई विचार क्यों नहीं किया है।

    याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट पी के शाही पेश हुए थे। राज्य की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर और केंद्र की ओर से एएसजी के.एन.सिंह पेश हुए।

    केस का शीर्षक: बिहार राज्य में नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट बनाम याचिकाकर्ता एंड अन्य

    कोरम: चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार

    आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:


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