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सीबीडीटी अध्यक्ष आईटीएटी में प्रत्यक्ष कर से संबंधित विवाद से विश्वास योजना को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए सुझावों का स्वागत

आयकर अपीली अधिकरण (आईटीएटी) ने सोमवार को अखिल भारतीय वीडियो कनफ़्रेंस आयोजित किया जो केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष कर, विवाद से विश्वास अधिनियम 2020 से जुड़ा था। इसका उद्देश्य प्रत्यक्ष कर से जुड़े विवादों को कम करना है।
इस अधिनियम को पिछले महीने सरकार ने अधिसूचित किया और इसमें प्रत्यक्ष आयकर और निगमित करों के बारे में विवादों को सुलझाने के तरीक़े का ज़िक्र किया गया है जो अपीली फ़ोरम के समक्ष 30 जून 2020 तक लंबित हैं। इस अवधि को कोरोना महामारी को देखते हुए बढ़ाया गया है।
इस सत्र की अध्यक्षता न्यायमूर्ति पीपी भट्ट ने की जो आईटीएटी के अध्यक्ष हैं। उन्होंने विवाद रहित कर संग्रह पर जोर दिया और विवादों को सुलझाने के वैकल्पिक तरीक़ों के महत्व पर चर्चा की।
उन्होंने इस मामले से जुड़े सभी लोगों से मुक़दमे से बचाने का आग्रह किया ताकि अधिकरण ज़्यादा ज़रूरी मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित कर सके जो कर नीतियों के लिए ज़रूरी हैं।
इस मौक़े पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीबीडीटी के अध्यक्ष पीसी मोदी ने कहा कि लंबित मामलों में कमी लाना, सरकार को समय पर कर की वसूली में मदद मिले और करदाताओं के समय की बचत हो, यह इस योजना के कुछ प्रमुख उद्देश्य हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी योजना को हर तरह से पर्फ़ेक्ट बनाकर पेश नहीं किया जा सकता इसलिए सरकार और सीबीडीटी किसी भी सुझावों का स्वागत करेगा जो इसको बेहतर तरीक़े से लागू करने में मदद कर सके।
दिल्ली ज़ोन के उपाध्यक्ष जीएस पन्नू जिन्होंने इस पूरे सत्र का संचालन किया, कहा कि मुक़दमेबाज़ी को एक ऐसी सीमा तक सीमित करने का प्रयास करने के लिए सीबीडीटी को चाहिए कि वह इसका कोई तरीक़ा ढूँढे ताकि उसको संभाला जा सके।
इस कार्यक्रम में वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव कमलेश चंदर वार्ष्णेय और राजेश कुमार भूत ने भी हिस्सा लिया। दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, लखनऊ, पुणे और चंडीगढ़ के बार असोसीएशन के प्रतिनिधि भी शामिल थे।