'लिव-इन रिलेशन देश के सामाजिक ताने-बाने की कीमत पर स्वीकार्य नहीं': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पार्टनर के साथ रहने वाली विवाहित महिला को सुरक्षा देने से इनकार किया

Brij Nandan

4 July 2023 5:35 AM GMT

  • लिव-इन रिलेशन देश के सामाजिक ताने-बाने की कीमत पर स्वीकार्य नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पार्टनर के साथ रहने वाली विवाहित महिला को सुरक्षा देने से इनकार किया

    'लिव-इन रिलेशनशिप इस देश के सामाजिक ताने-बाने की कीमत पर स्वीकार्य है।'

    ये टिप्पणी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक विवाहित महिला और उसके लिव-इन पार्टनर को सुरक्षा देने से इनकार करते हुए की। विवाहित महिला और उसके लिव-इन पार्टनर ने इस आधार पर पुलिस सुरक्षा की मांग की थी कि उसका पति उनके शांतिपूर्ण जीवन को खतरे में डालने की कोशिश कर रहा है।

    जस्टिस रेनू अग्रवाल की बेंच ने स्पष्ट किया कि कोर्ट लिव-इन रिलेशनशिप के खिलाफ नहीं बल्कि अवैध संबंधों के खिलाफ है।

    आगे कहा,

    “ कोर्ट अवैधता की अनुमति नहीं दे सकता क्योंकि कल याचिकाकर्ता ये कहेंगे कि हमने उनके अवैध संबंधों को पवित्र करार दिया है। लिव-इन-रिलेशनशिप इस देश के सामाजिक ताने-बाने की कीमत पर स्वीकार्य नहीं है। पुलिस को उन्हें सुरक्षा देने का निर्देश अप्रत्यक्ष रूप से ऐसे अवैध संबंधों को सहमति देने जैसा है।“

    37 साल की विवाहित महिला और उसके लिव-इन पार्टनर ने कोर्ट को बताया कि उसकी उससे शादी नहीं हुई है। पति के उदासीन व्यवहार की वजह से महिला खुद से उसके साथ लिव-इन रिलेशनशिप में आई है।

    आगे कहा- उसका पति उनके शांतिपूर्ण जीवन को खतरे में डालने की कोशिश कर रहा है और इसलिए उन्हें पुलिस सुरक्षा दी जाए।

    दूसरी ओर राज्य की ओर से पेश सरकारी वकील ने कहा- कोर्ट को इस तरह के रिश्तों की अनुमति नहीं देनी चाहिए। हाईकोर्ट ने पहले ही अनीता और अन्य बनाम यूपी मामले में इस तरह के कृत्यों को अस्वीकर किया है। साथ ही विवाहित महिला और उसके लिव इन पार्टनर की सुरक्षा देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी।

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनीता मामले में हाईकोर्ट के फैसले पर भरोसा जताया। और कहा कि इस तरह के रिश्ते को समाज के ताने-बाने की कीमत पर स्वीकार्य नहीं किया जा सकता है।

    इसके साथ ही याचिका खारिज कर दी।

    याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट ब्रजेश कुमार सिंह उपस्थित हुए

    केस टाइटल - सुनीता और अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और 3 अन्य 2023 लाइव लॉ (एबी) 204 [रिट - सी संख्या – 2723 ऑफ 2023]

    केस साइटेशन: 2023 लाइव लॉ (एबी) 204

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