Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य सुर्खियां

निर्भया केस: दोषी मुकेश ने दिल्ली हाईकोर्ट में डेथ वारंट को चुनौती दी

LiveLaw News Network
14 Jan 2020 5:47 PM GMT
निर्भया केस: दोषी मुकेश ने दिल्ली हाईकोर्ट में डेथ वारंट को चुनौती दी
x

निर्भया बलात्कार मामले के चार दोषियों में से एक मुकेश ने सात दिसंबर को सत्र न्यायाधीश सतीश अरोड़ा द्वारा जारी डेथ वारंट को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। डेथ वारंट के अनुसार, चार दोषियों को 22 जनवरी, सुबह 7 बजे फांसी दी जानी है।

संविधान के अनुच्छेद 226 और 227 के तहत दायर की गई याचिका में इस आधार पर डेथ वारंट जारी करने को चुनौती दी गई है कि दोषियों के पास अब भी भारत के राष्ट्रपति से दया मांगने के रूप मे उपाय शेष है।

इसमें कहा गया है कि शत्रुघ्न चौहान बनाम भारत संघ में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून के अनुसार, राष्ट्रपति द्वारा उनकी दया याचिका खारिज किए जाने के बाद, मौत की सजा पाने वालों को न्यूनतम 14 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए।

इसलिए, याचिका में केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, जेलों के महानिरीक्षक और जेल अधीक्षक (तिहाड़) को निर्देश जारी करने को कहा गया है, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि याचिकाकर्ता और उसके परिवार को निष्पादन की निर्धारित तिथि के बारे में कम से कम चौदह दिन का नोटिस दिया जाए, जब याचिकाकर्ता की दया याचिका भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा खारिज कर दी जाए।

यह भी कहा कि इस याचिका के माध्यम से वह माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अंतिम फैसले या मृत्युदंड की सजा, या भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा कोई कार्रवाई पर सवाल नहीं उठा रहे हैं। इसके अलावा, यह तर्क दिया गया है कि शबनम बनाम भारत संघ में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, राष्ट्रपति से दया की मांग करना मौत की सजा पाने वाले दोषी का संवैधानिक अधिकार है।

यह भी स्पष्ट होता है कि शत्रुघ्न चौहान, अजमल कसाब (21 नवंबर 2012) और अफजल गुरु (9 फरवरी 2013) के मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों से पहले हुई गुप्त फांसी अब न्यायशास्त्र के मद्देनजर संभव नहीं है।

इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने दो दोषियों मुकेश और विनय द्वारा दायर क्यूरेटिव याचिकाओं को खारिज कर दिया।

Next Story