मद्रास हाईकोर्ट ने कोरोनावायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मद्देनजर पुडुचेरी में शराब की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया

LiveLaw News Network

30 Dec 2021 5:29 AM GMT

  • मद्रास हाईकोर्ट ने कोरोनावायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मद्देनजर पुडुचेरी में शराब की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया

    मद्रास हाईकोर्ट ने करिक्कलमापक्कम ग्राम पंचायत के पूर्व अध्यक्ष जीए जगन्नाथन की एक जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए पुडुचेरी में शराब पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया। अपने आदेश में हाईकोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी से एक जनवरी को नए साल की पूर्व संध्या पर रात 10 बजे से एक बजे तक शराब की आपूर्ति पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगाने को कहा।

    जस्टिस एस. वैद्यनाथन और जस्टिस डी. भरत चक्रवर्ती की खंडपीठ ने कहा कि बार और बार से जुड़े रेस्तरां/होटल या शराब पीने के लिए निर्धारित पब्लविक प्लेस पर उक्त समय के दौरान शराब की बिक्री नहीं होनी चाहिए। अदालत ने कहा कि इस तरह के असाधारण उपाय आमतौर पर पुडुचेरी जैसे पर्यटन स्थल पर नहीं लगाए जाते हैं। हालांकि, केंद्र शासित प्रदेश से कोरोनावायरस के ऑमीक्रोन वेरियंट के दो नए मामले सामने आए हैं। हालांकि केंद्र शासित प्रदेश के वकील एन माला ने अदालत को सूचित किया कि दोनों प्रभावित व्यक्ति पहले ही ठीक हो चुके हैं।

    कोर्ट ने इस तरह के प्रतिबंध के कारणों को स्पष्ट करते हुए एक कहावत को दोहराया,

    "रोकथाम इलाज से बेहतर है।"

    इसके अलावा, अदालत ने निम्नलिखित निर्देश भी दिए:

    "इसके अलावा, हम इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि पुडुचेरी में अभी तक वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लेने वाले व्यक्ति को 31 शाम सात बजे के बाद सार्वजनिक स्थानों पर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। स्थिति की निगरानी के लिए तैनात अधिकारी और पुलिस द्वारा मांगे जाने पर उक्त व्यक्ति को अपना वैक्सीन सर्टिफिकेट दिखाना होगा। पैदल चलने वालों और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शराब पीने से रोकने के लिए पर्याप्त संख्या में श्वास विश्लेषक उपलब्ध कराए जाने चाहिए।"

    अदालत ने यह भी कहा कि सरकार ने एक जनवरी, 2022 को सुबह एक बजे से सुबह पांच बजे तक पुडुचेरी में कर्फ्यू लगाने का फैसला किया। डिवीजन बेंच ने नागरिकों को जिम्मेदारी दिखाने, सरकार के साथ सहयोग करने और महामारी के प्रसार को रोकने में सहयोग करने के लिए भी कहा। हालांकि कई दुकानदारों को शराब की आपूर्ति के लाइसेंस पहले ही दिए जा चुके हैं।

    केंद्र शासित प्रदेश की इस आशंका के बारे में कि यह उनके राजस्व को प्रभावित कर सकता है, अदालत ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि यह सिर्फ तीन घंटे का समय है और वर्तमान परिस्थितियों में प्रतिबंध आवश्यक है।

    दिए गए तर्क

    रिट याचिकाकर्ता ने पुडुचेरी में सामने आए ओमीक्रॉन वेरिएंट के मामलों के तथ्य को अदालत के ध्यान में लाया। इसने यह भी बताया कि नए साल के जश्न के दौरान बड़े पैमाने पर होने वाली पार्टियों से COVID-19 के मामलों में तीव्र गति से बढ़ोतरी होगी।

    याचिकाकर्ता के वकील एम ज्ञानशेखर ने यह भी बताया कि भारत ने 2020 में COVID-19 की पहली और 2021 में COVID-19 की दूसरी लहर से निपटने में बहुत मुश्किल हुई थी। अब देश में ऑमीक्रोन संक्रमण के प्रसार की आशंका बढ़ रही है। केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में ऐसे प्रकोप से निपटने के लिए अस्पतालों की सुविधाओं की कमी है।

    केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) के लिए सरकारी वकील एन. माला ने याचिकाकर्ता द्वारा दी गई दलीलों से असहमति जताते हुए कहा कि कोर्ट की डिवीजन बेंच ने महामारी पर अंकुश लगाने के लिए यूटी सरकार के प्रशंसनीय प्रयासों के लिए टिप्पणी की थी। वकील ने कहा कि राज्य में बेड की कोई कमी या अस्पताल में सुविधाओं की कमी नहीं है। यूटी के वकील ने यह भी कहा कि 28 दिसंबर को पुडुचेरी के जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी। इसमें नगर आयुक्त सहित अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया था। बैठक में COVID-19 से बचने के लिए जनता द्वारा किए जाने वाले उचित व्यवहार को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक 16 सूत्रीय कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। उन्होंने पीठ के समक्ष बैठक की कार्यवाही पेश की।

    केंद्र शासित प्रदेश के वकील के मुताबिक होटलों में ठहरने और अन्य कार्यक्रम आयोजित करने की व्यवस्था पहले ही कर ली गई है। उन्होंने कहा कि अंतिम समय में होटल शुल्क वापस करना / कार्यक्रमों को रद्द करना असंभव है।

    केंद्र शासित प्रदेश द्वारा सख्ती से पालन किए जाने वाले 16-सूत्रीय कदमों के बारे में वकील ने अदालत को सूचित किया कि पांडिचेरी के होटलों के अंदर COVID-19 की दोनों डोज नहीं लेने वाले किसी भी व्यक्ति को अनुमति नहीं दी जाएगी। राज्य के होटलों में ठहरने वाले हर व्यक्ति से उसका वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट मांगा जाएगा।

    सभी कार्यक्रम आयोजकों को इस आशय का एक वचन देना होगा कि वे समारोहों के लिए कुल क्षेत्रफल के 50 प्रतिशत से अधिक को समायोजित नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन को केवल बाहरी आयोजनों के लिए दो आवेदन और इनडोर कार्यक्रमों के लिए तीन आवेदन प्राप्त हुए हैं, जबकि कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति लेने की खिड़की शाम पांच बजे बंद हो जाएगी।

    उन्होंने यह भी कहा कि पुडुचेरी के भीड़-भाड़ वाले इलाकों में वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। यह भी तर्क दिया गया कि केंद्र शासित प्रदेश का इरादा जनता की सुरक्षा और कल्याण के साथ आर्थिक हितों को संतुलित करना है, जैसा कि बैठक में प्रस्तुत किए गए उल्लिखित 16 बिंदुओं से पता चलता है।

    न्यायालय की टिप्पणियां

    दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश नए साल की पूर्व संध्या पर शराब की बिक्री को अस्थायी रूप से निलंबित करने के लिए इच्छुक नहीं है। कोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश को 30 दिसंबर से दो दिनों के लिए शराब की बिक्री और आपूर्ति को रोकने के लिए कहा है।

    अदालत ने यह भी नोट किया कि केंद्र शासित प्रदेश ने मास्क अनिवार्य कर दिया है और इसे नहीं पहनने वालों को मास्क वितरित करने की व्यवस्था की है।

    मीडिया रिपोर्ट के बारे में याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यूटी में पार्टियों की बढ़ती संख्या से जुड़े बड़े जोखिम होंगे।

    इस पर कोर्ट ने कहा:

    "हम पेपर न्यूज को इंजील ट्रुथ के रूप में नहीं ले सकते।"

    ऐसा कहते हुए अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि सरकार ने पहले ही 16-सूत्रीय उपायों को सामने रखकर पार्टियों की सीमा को कम करने के लिए कदम उठाए हैं।

    कोर्ट ने प्रशासन को यह भी निर्देश दिया कि कोई भी सेलेब्रिटी नए साल के जश्न में सार्वजनिक रूप से शामिल न हो, ताकि लोगों की भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। हालांकि, अदालत ने मशहूर हस्तियों को नए साल के निजी कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए स्पष्ट सहमति दी है।

    मामला की अलगी सुनवाई तीन जनवरी, 2022 को होगी।

    केस शीर्षक: जी.ए. जगन्नाथन बनाम भारत संघ और अन्य।

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