Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य सुर्खियां

मुकदमे की अनुमति देने में अनियमितता से भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराए जाने की प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी : सुप्रीम कोर्ट

LiveLaw News Network
28 Nov 2019 5:40 AM GMT
मुकदमे की अनुमति देने में अनियमितता से भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराए जाने की प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी : सुप्रीम कोर्ट
x

भ्रष्टाचार के मामले मेंमुकदमा चलाने की अनुमति देने में हुई गलती, चूक या अनियमितता को तब तक भयंकर नहीं माना जाएगा जब तक कि इसकी परिणति न्याय की विफलता में नहीं होती है, सुप्रीम कोर्ट ने कहा।

न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और संजीव खन्ना की पीठ ने भ्रष्टाचार निरोधी अधिनियम की धारा 7 और 3 के तहत आरोपी को दोषी ठहराते हुए यह बात कही।

विनोद कुमार गर्ग बनाम राज्य मामले में यह दलील दी गई थी कि उप अधीक्षक या इसके बराबर स्तर के पुलिस अधिकारी ने मामले की जांच नहीं की थी।

इस दलील पर गौर करते हुए पीठ ने कहा कि इस तरह की चूक अनियमितता कही जाएगी और जब तक इस अनियमितता की वजह से दुर्भावना की स्थिति नहीं बनी है, तब तक इस मामले में सजा सुनाने पर कोई असर नहीं हो सकता है. पीह ने यह भी कहा कि इंस्पेक्टर के स्तर के पुलिस अधिकारी ने इस मामले की जांच नहीं की इस वजह से किसी तरह की दुर्भावना की स्थिति बनी है, ऐसा नहीं कहा गया है।

अदालत ने कहा,

"मुकदमा चलाने की अनुमति देने में महज एक गलती, चूक या अनियमितता को तब तक भयंकर नहीं कहा जा सकता जब तक कि इसकी परिणति न्याय की विफलता में नहीं होती है। अधिनियम की धारा 9(1) प्रक्रिया से संबंधित है न कि न्यायिक क्षेत्राधिकार की जड़ तक यह जाता है और एक बार जब संहिता के तहत अदालत ने मामले का संज्ञान ले लिया तो फिर यह नहीं कहा जा सकता कि अमान्य पुलिस रिपोर्ट के आधार पर अदालत मामले का संज्ञान ले रही है या फिर इस वजह से इस आधार पर ट्रायल कर रही है।"

आदेश की प्रति डाउनलोड करने के लिए यहांं क्लिक करेंं



Next Story