विवाहित व्यक्ति द्वारा युवती को बहला-फुसलाकर भगाने का मामला: गुजरात हाईकोर्ट ने व्यक्ति को पुलिस द्वारा युवती को ट्रेस करने में किए गए खर्च की 50% भरपाई करने के निर्देश दिए

LiveLaw News Network

27 April 2022 8:27 AM GMT

  • Gujarat High Court

    Gujarat High Court

    गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने हाल ही में एक व्यक्ति को एक लड़की का पता लगाने में पुलिस विभाग द्वारा किए गए खर्च की 50% भरपाई करने के लिए कहा, जिसे उसने खुद शादीशुदा होने के बावजूद, भागने का लालच दिया था।

    न्यायमूर्ति सोनिया गोकानी और न्यायमूर्ति मौना भट्ट की खंडपीठ ने कहा,

    "हमें विशेष रूप से यह दर्ज करने की आवश्यकता है कि यहां एक ऐसा मामला है जहां प्रतिवादी संख्या 4 ने अपनी वैवाहिक स्थिति को अच्छी तरह से जानते हुए लड़की को बहकाया है और इस तरह की प्रकृति के उसके बार-बार किए गए कार्यों ने न केवल पक्षकारों के लिए बेहद मुश्किल बना दिया है, क्योंकि उसमें से पुलिस को कई घंटे तक काम करना पड़ा और करीब 7 महीने के बाद कॉर्पस का पता लगाया जा सका।"

    यह देखते हुए कि एजेंसी ने 7 महीने और 19 दिनों में 17,710 घंटे खर्च किए और इसमें 1,17,500 रुपए खर्च हुए। कोर्ट ने प्रतिवादी-व्यक्ति को उक्त राशि का 50% भुगतान करने का आदेश दिया जो कि 55,000 रुपये की राशि होगी।

    यह राशि चार सप्ताह के भीतर हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करनी होगी। यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो उसे कानून के अनुसार वसूल किया जाएगा और रजिस्ट्रार (न्यायिक) इसे अदालत के संज्ञान में लाएगा, अवज्ञा के लिए अवमानना की कार्रवाई भी शुरू की जा सकती है।

    लड़की के पिता द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में यह निर्देश दिया गया था। पता चलने पर लड़की ने प्रतिवादी के साथ अपने संबंध पर खेद व्यक्त किया और अपने माता-पिता के साथ जुड़ने के लिए झुकाव दिखाया।

    अदालत ने आदेश दिया कि उसे माता-पिता के साथ भेजा जाए, जिन्होंने उसके लिए सर्वोत्तम संभव उपचार सुनिश्चित किया है और उसकी पढ़ाई जारी रखने का भी आश्वासन दिया है।

    कार्यवाही के दौरान, यह भी पता चला कि प्रतिवादी पहले दो अन्य लड़कियों के साथ भाग चुका है। जबकि वह शादीशुदा है और उसका एक बच्चा भी है।

    उसने विभिन्न मामलों में युवा लड़कियों का शोषण / फायदा उठाया और फिर उनके साथ भाग गया।

    इस मामले में उसने युवती को इस तरह फुसलाया कि उसे ट्रेस करने में पुलिस को 7 महीने लग गए।

    याचिकाकर्ता-पिता ने भी अपनी बेटी का पता लगाने में 8,06,000 रुपये का खर्च वहन किया, जिसमें सभी गहने शामिल थे, जो कथित तौर पर कॉर्पस द्वारा लिए गए थे।

    कोर्ट ने साफ किया कि उसका सरोकार सिर्फ पुलिस के खर्चे से है।

    तद्नुसार याचिका का निस्तारण किया गया।

    केस शीर्षक: राघभाई यूकेभाई परमार बनाम गुजरात राज्य

    केस नंबर: आर/एससीआर.ए/6236/2021

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