- Home
- /
- मुख्य सुर्खियां
- /
- मैजिक', 'मसाला' भारतीय...
मैजिक', 'मसाला' भारतीय खाद्य उद्योग के आम शब्द, इन पर किसी का एकाधिकार नहीं : मद्रास हाईकोर्ट ने सनफीस्ट-मैगी विवाद मामले में कहा

मद्रास हाईकोर्ट ने आईटीसी लिमिटेड की तरफ से दायर उस मुकदमे को खारिज कर दिया है, जिसमें नेस्ले इंडियन लिमिटेड को उनके नूडल्स उत्पाद 'मैगी' के संबंध में ''मैजिक मसाला'', ''मैजिकल मसाला'' स्लोगन का उपयोग करने से रोकने की मांग की गई थी।
आईटीसी ने दावा किया था कि वर्ष 2010 में लाॅन्च किए गए उनके नूडल्स ब्रांड ''सनफीस्ट यिप्पी!''के संबंध में 'मैजिक मसाला' स्लोगन का उपयोग करना उनका विशेष अधिकार है।
आईटीसी ने शिकायत की थी कि नेस्ले अपने इंस्टेंट नूडल्स की मार्केटिंग के लिए ''मैजिकल मसाला'' स्लोगन का प्रयोग कर रही है। जो वर्ष 2013 में '' मैगिक्सट्रा-डीलीसियस मैजिकल मसाला'' नाम से लॉन्च की गई थी, इसलिए उनके खिलाफ स्थायी निषेधात्मक निषेधाज्ञा जारी करने की मांग की गई थी।
न्यायमूर्ति सी सरवनन की पीठ ने इस मांग को ठुकराते हुए कहा कि ''मैजिक''या ''मसाला'' शब्द भारतीय खाद्य उद्योग में उपयोग होने वाले आम शब्द हैं और कोई भी इन पर एकाधिकार का दावा नहीं कर सकता है।
पीठ ने कहा कि-
''दोनों शब्द 'मैजिक' और इसका व्युत्पन्न 'मैजिकल' व्यापार में उपयोग होने वाले आम शब्द हैं। इसलिए, न तो वादी और न ही प्रतिवादी 'मैजिक' या 'मसाला' की अभिव्यक्ति पर अपने एकाधिकार का दावा कर सकते हैं क्योंकि ये भारतीय खाद्य उद्योग व भारतीय रसोई के सामान्य शब्द हैं।''
पीठ ने कहा कि यह निष्कर्ष निकालना उचित होगा कि ''मैजिक मसाला'' की अभिव्यक्ति 'मैजिक' और 'मसाला' दोनों सामान्य शब्दों से प्रेरित थी।
न्यायालय ने यह भी कहा कि ये शब्द ''प्रशंसात्मक'' हैं और नेस्ले द्वारा वर्ष 2013 में मैगी के लिए इनका उपयोग करने को ''दुर्भावनापूर्ण'' नहीं कहा जा सकता है।
प्रतिवादी (नेस्ले) द्वारा इसे वैध रूप से अपनाया गया था क्योंकि किसी भी व्यक्ति के पास उपयुक्त सामान्य व प्रशंसनीय शब्द नहीं है।''
कोर्ट ने कहा कि-
'' मैजिक एक प्रशंसनीय शब्द है। यह वादी (आईटीसी) द्वारा विनियोजित होने में असमर्थ है। इसलिए कोई भी व्यक्ति उक्त शब्द 'मैजिक' या 'मैजिकल' या उनके व्युत्पन्न पर किसी भी तरह के एकाधिकार का दावा नहीं कर सकता है क्योंकि ये व्यापार में उपयोग होने वाले आम शब्द हैं। इसलिए यह असमर्थ है (या संभव नहीं है) कि किसी भी व्यापारी का इन पर एकाधिकार हो।''
कोर्ट ने यह भी कहा कि ''मसाला'' एक सामान्य शब्द है, इस शब्द पर भी किसी द्वारा एकाधिकार का दावा नहीं किया जा सकता है।
पीठ ने कहा कि-
''यह भारतीय भाषाओं में कई मसाले के मिश्रण का वर्णन करने के लिए उपयोग होने वाला एक सामान्य नाम है। इसलिए, इसे कभी भी विनियोजित या अप्रोप्रीऐटिड नहीं किया जा सकता है।''
न्यायालय ने कहा कि सनफीस्ट यिप्पी नूडल्स के लिए 'मैजिक मसाला' जैसी विचारोत्तेजक वाक्यांश का इस्तेमाल वर्ष 2010 से किया जा रहा है। यह उनके लिए संरक्षण और एकाधिकार का एक विशिष्ट चिह्न तभी बन सकता था,जब इसका इस्तेमाल लंबे समय तक निर्बाध रूप से किया गया हो। हालांकि, आईटीसी यह स्थापित नहीं कर सका कि यह शब्द संरक्षण और एकाधिकार के लिए एक ''विशिष्ट चिह्न''बन गया था।
इस संबंध में, न्यायालय ने कहा कि इस वाक्यांश या इक्सप्रेशन को सबसे पहले लेज ने अपने आलू के चिप्स के लिए अपनाया था।
ऐसा प्रतीत नहीं हुआ है कि आईटीसी ने कभी भी ''मैजिक मसाला'' वाक्यांश को अपने ट्रेडमार्क या उप-ब्रांड के रूप में उपयोग करने का इरादा बनाया था। चूंकि उक्त वाक्यांश को पंजीकृत करने के लिए कोई ट्रेडमार्क आवेदन दायर नहीं किया गया था।
यह भी ध्यान दिया गया कि आईटीसी का वास्तव में ट्रेडमार्क या उप-ब्रांड के रूप में ''मैजिक मसाला'' का उपयोग करने का कोई इरादा नहीं था क्योंकि इसे केवल यिप्पी! नूडल्स का ''मैजिक मसाला'' स्वाद कहा जाता है। जो अलग-अलग स्वादों के बीच अंतर करने में उपभोक्ताओं की मदद करता है।
कोर्ट ने माना कि नेस्ले ने आईटीसी से प्रेरित होकर ही 'मैजिकल मसाला' का उपयोग करना शुरू किया है। हालांकि उसके बाद भी यह अपने आप में ''पासिंग आॅफ'' के समान नहीं होगा।
पीठ ने कहा कि-
''हालांकि प्रतिवादी ने स्लोगन ''मैजिकल मसाला'' का उपयोग वादी द्वारा उपयोग किए जा रहे वाक्यांश ''मैजिक मसाला'' व उनकी सफलता से प्रेरित होकर शुरू किया है। परंतु रिकार्ड किए गए उक्त कारणों के लिए वादी किसी भी लाभ का दावा नहीं कर सकता है। मेरे विचार में, वादी पासिंग-ऑफ में सफल होने का हकदार नहीं है क्योंकि प्रतिवादी द्वारा कोई पासिंग-ऑफ नहीं किया गया है।''
आदेश की प्रति डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें