मद्रास हाईकोर्ट ने ईद पर मवेशियों के कथित अवैध वध के खिलाफ याचिका पर त्रिची कलेक्टर, पुलिस से जवाब मांगा

Brij Nandan

28 Jun 2023 2:34 PM IST

  • मद्रास हाईकोर्ट ने ईद पर मवेशियों के कथित अवैध वध के खिलाफ याचिका पर त्रिची कलेक्टर, पुलिस से जवाब मांगा

    मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार द्वारा लाइसेंस प्राप्त स्थानों के अलावा जिले में मवेशियों के वध की प्रथा पर प्रतिबंध लगाने और पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण (वधगृह) नियमों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने की मांग वाली याचिका पर जिला कलेक्टर, त्रिची और पुलिस आयुक्त, त्रिची को नोटिस जारी किया।

    जस्टिस आर सुब्रमण्यन और जस्टिस एल विक्टोरिया गौरी की मदुरै पीठ ने रंगराजन नरसिम्हन द्वारा दायर याचिका पर प्रतिवादी अधिकारियों को नोटिस जारी किया।

    हालांकि, अदालत ने मौखिक रूप से ये भी कहा कि वह यह देखते हुए तत्काल प्रतिबंध जारी नहीं कर सकती कि त्योहार नजदीक है और प्रतिवादियों को यह रिपोर्ट करने का निर्देश दिया कि क्या अनधिकृत स्थानों पर ऐसा कोई वध किया जा रहा है।

    नरसिम्हन ने अपनी याचिका में कहा कि विभिन्न संवैधानिक प्रावधानों और सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न उच्च न्यायालयों के आदेशों के बावजूद, ईद-उल-मुस्लिम त्योहार के दौरान गाय, भैंस, बैल, बकरी आदि को "निर्दयतापूर्वक और अवैध रूप से" मारा जा रहा है।

    उन्होंने कहा कि भले ही दिनदहाड़े अवैध वध हो रहा हो, लेकिन अधिकारी इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 48, 48ए और 51ए और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ है।

    याचिका में दावा किया गया है कि त्योहारी सीजन के दौरान सैकड़ों अवैध बूचड़खाने खुलते हैं और सोशल मीडिया पर "कुर्बानी" के नाम पर जानवरों के वध के लिए कई विज्ञापन दिए जाते हैं।

    याचिका में आरोप लगाया गया कि 2022 में मद्रास उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा निर्देश दिए जाने के बावजूद, उत्तरदाताओं ने इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।

    आगे यह भी कहा गया है कि मवेशियों का वध करना इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है और इसलिए "अवैध वध" का कोई औचित्य नहीं है।

    अदालत को बताया गया कि त्रिची निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार त्रिची में केवल एक लाइसेंस प्राप्त बूचड़खाना है जो गांधी मार्केट में स्थित है।

    केस टाइटल: रंगराजन नरसिम्हन बनाम जिला कलेक्टर और अन्य

    केस नंबर: WP (MD) 15220 ऑफ़ 2023


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