[लंपी त्वचा रोग] बड़ी संख्या में गायों की मौत हो रही, मामले की जल्द सुनवाई होनी चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट
Sharafat
7 Oct 2022 8:41 PM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से एक जनहित याचिका पर जवाब देने को कहा है, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में गायों में लंपी त्वचा रोग के इलाज के लिए उपचारात्मक कदम उठाने की मांग की गई है।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने अजय गौतम द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि संक्रामक बीमारी के कारण मरने वाली गायों के इलाज के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है।
याचिका में यह कहा गया कि गायों के शवों को 'लापरवाह तरीके' से निपटाया जा रहा है जिससे समाज के एक बड़े वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच रही है।
दलीलों पर ध्यान देते हुए अदालत ने कहा,
"... चूंकि बड़ी संख्या में गायों की मौत हो रही है, इसलिए मामले की जल्द से जल्द सुनवाई होनी चाहिए।"
मामले को 14 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
याचिका में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि देश में त्वचा रोग ने लगभग 70,000 मवेशियों की जान ले ली है, जिनकी संख्या हर रोज बढ़ रही है।
याचिका में कहा गया है:
"लक्षणों में लगभग दो से पांच सेंटीमीटर की त्वचा की गांठ, तेज बुखार, दूध उत्पादन में कमी, भूख न लगना और आंखों से पानी आना शामिल हैं।
केंद्र ने हाल ही में कहा था कि इस बीमारी के कारण अब तक लगभग 70,000 मवेशियों की मौत हो चुकी है और यह बीमारी गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश राज्य में फैल चुकी है।"
इसमें आगे कहा गया है:
"गाय और गौ वंश की प्रार्थना की जाती है और इस देश के सबसे बड़े समुदाय द्वारा पवित्र जानवर के रूप में पूजनीय है और गायों का धार्मिक महत्व है। हिंदू गायों को अपनी मां मानते हैं।"
इस प्रकार याचिका में गायों में बीमारी से निपटने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के हर क्षेत्र में तत्काल आधार पर पशु चिकित्सकों की एक टीम गठित करने की मांग की गई है।
संक्रमित गायों के इलाज के लिए सभी अंचलों और जिलों में एकमुश्त देखभाल इकाई या आइसोलेशन वार्ड स्थापित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।
याचिका में यह भी मांग की गई है कि बीमारी के और प्रसार को रोकने के लिए एक मारक और टीके की व्यवस्था की जाए।
टाइटल: अजय गौतम बनाम जीएनसीटीडी और अन्य।