'लैब को व्हिस्की के सैंपल का विश्लेषण करने की मान्यता प्राप्त नहीं': बॉम्बे हाईकोर्ट ने शराब निर्माता के खिलाफ एफएसएसए की कार्यवाही रद्द की

Brij Nandan

3 Oct 2022 4:06 AM GMT

  • व्हिस्की

    व्हिस्की

    बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने हाल ही में व्हिस्की में एथिल अल्कोहल सामग्री के घोषित स्तर पर विनियमन के कथित उल्लंघन के लिए शराब निर्माता पर्नोड रिकार्ड के खिलाफ 2021 में खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा शुरू की गई कार्यवाही को रद्द कर दिया।

    अदालत ने देखा कि सैंपल का विश्लेषण करने वाली प्रयोगशाला को व्हिस्की के टेस्टिंग के लिए मान्यता प्राप्त नहीं है और कहा कि टेस्टिंग मान्यता के वैध दायरे में किए जाने चाहिए। व्हिस्की खाद्य एवं औषधि प्रशासन प्रयोगशाला की मान्यता के दायरे से बाहर है जिसने सैंपल टेस्टिंग किया था।

    अदालत ने पर्नोड रिकार्ड द्वारा दायर रिट याचिकाओं के एक बैच को न्यायनिर्णयन के लिए नोटिस पर हमला करने की अनुमति दी क्योंकि राज्य यह इंगित नहीं कर सका कि उक्त प्रयोगशाला व्हिस्की के सैंपल टेस्टिंग और विश्लेषण करने के लिए कैसे सक्षम थी, जब यह मान्यता वैध दायरे से बाहर है।

    खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने एक होटल से पेरनोड रिकार्ड द्वारा निर्मित इम्पीरियल ब्लू व्हिस्की की चार बोतलों से सैंपल एकत्र किए। खाद्य और औषधि प्रशासन प्रयोगशाला, बांद्रा ने सैंपल का परीक्षण किया और कहा कि नमूना खाद्य, सुरक्षा और मानक (मादक पेय) विनियम, 2018 के अनुरूप नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एथिल अल्कोहल का वास्तविक स्तर मात्रा के हिसाब से 45.42% मात्रा था। जबकि व्हिस्की पर 42.8% v/v अल्कोहल होने का लेबल लगाया गया था।

    रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद, खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ खाद्य, सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के विनियम 2.8 और 2018 विनियमों के विनियम 1.3.2 के साथ पठित धारा 26(2)(ii) (गलत ब्रांडेड फूड), 26(2)(v), धारा 3(1)(zx) के उल्लंघन के लिए न्यायनिर्णयन का मामला दर्ज किया।

    याचिकाकर्ता ने न्यायनिर्णयन आवेदन पर आपत्ति जताते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया।

    सीनियर एडवोकेट राजेश बत्रा और वकील राजीव तलासीकर ने प्रस्तुत किया कि सैंपल के रासायनिक विश्लेषण के समय प्रयोगशाला का मान्यता प्रमाण पत्र पहले ही समाप्त हो चुका था, जिससे रिपोर्ट अमान्य हो गई। खाद्य सुरक्षा अधिकारी और न्यायनिर्णायक अधिकारी वैध खाद्य विश्लेषण रिपोर्ट के बिना न्यायनिर्णयन आवेदन को स्वीकृत और दाखिल नहीं कर सकते थे।

    राज्य के लिए अतिरिक्त सरकारी वकील एस.एस. भेंडे ने प्रस्तुत किया कि जून 2020 में परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशालाओं के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) ने प्रयोगशाला की मान्यता की वैधता को अक्टूबर 2021 तक बढ़ा दिया। सैंपल का विश्लेषण फरवरी 2021 से मार्च 2021 के बीच किया गया। याचिकाकर्ता रेफ़रल फ़ूड लेबोरेटरी द्वारा नमूने का पुन: विश्लेषण करवाने के अपने अधिकार का प्रयोग करने में विफल रहे।

    अदालत ने 26 जून 2020 को एनएबीएल द्वारा जारी पत्र का अवलोकन किया और निष्कर्ष निकाला कि सैंपल का विश्लेषण करने पर प्रयोगशाला की मान्यता थी। हालांकि, इस मामले में मान्यता के दायरे पर विचार करने की जरूरत है।

    अदालत ने कहा कि खाद्य सुरक्षा और मानक (प्रयोगशालाओं की मान्यता और अधिसूचना) विनियम, 2018 के नियम 9 (1) (ए) के अनुसार, प्रयोगशाला को मान्यता के वैध दायरे के अनुसार परीक्षण करना चाहिए।

    अदालत ने दर्ज किया कि प्रयोगशाला के मान्यता प्रमाण पत्र में खाद्य और कृषि उत्पादों की सूची है जैसे (ए) परिष्कृत मूंगफली का तेल, (बी) परिष्कृत सूरजमुखी तेल (सी) परिष्कृत सोयाबीन तेल, (डी) परिष्कृत पामोलिन तेल, (ई) मूंगफली का तेल, (एफ) सरसों का तेल, (जी) नारियल का तेल, दूध और डेयरी उत्पाद, घी, पानी और पैकेज्ड पेयजल।

    अदालत ने कहा कि व्हिस्की खाद्य औषधि प्रयोगशाला की मान्यता के दायरे का हिस्सा नहीं है।

    अदालत ने यह भी कहा कि एफएसएसएआई के कार्यकारी निदेशक ने सभी खाद्य सुरक्षा आयुक्तों को पत्र जारी कर उन्हें परीक्षण के लिए सैंपल भेजने से पहले प्रयोगशाला के परीक्षण के दायरे की जांच करने की सलाह दी है।

    अदालत ने रिट याचिकाओं को यह कहते हुए स्वीकार कर लिया कि प्रतिवादी यह नहीं दिखा सके कि प्रयोगशाला याचिकाकर्ता द्वारा निर्मित व्हिस्की के सैंपल का रासायनिक विश्लेषण करने के लिए कैसे सक्षम थी।

    मामला संख्या - रिट याचिका संख्या 3413 ऑफ 2022

    केस टाइटल - पेरनोड रिकार्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बनाम भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण

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