केरल हाईकोर्ट में बेटे की वकालत वाले मामलों की सुनवाई करने से जज को रोकने के लिए याचिका

Sharafat

28 March 2023 2:00 AM GMT

  • केरल हाईकोर्ट में बेटे की वकालत वाले मामलों की सुनवाई करने से जज को रोकने के लिए याचिका

    Kerala High Court

    केरल हाईकोर्ट में एडवोकेट यशवंत शेनॉय ने जस्टिस मैरी जोसेफ की पीठ के समक्ष उन मामलों को सूचीबद्ध नहीं करने के लिए एक याचिका दायर की है जिसमें उनके बेटे एडवोकेट प्रीरिथ फिलिप जोसेफ ने वकालत की है।

    याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास रजिस्ट्री और लिस्टिंग विभाग सहित न्यायालय के सभी विभागों पर अधिकार है। वे यह सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं कि एडवोकेट प्रीरीथ फिलिप जोसेफ द्वारा दायर कोई भी मामला उनकी मां जस्टिस मैरी जोसेफ के समक्ष सूचीबद्ध नहीं हो। .

    याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि 7 मई, 1997 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपनाए गए 'न्यायिक जीवन के मूल्यों की बहाली' चार्टर के अनुसार कार्य करना और उनके बेटे द्वारा दायर मामलों से बचना भी जस्टिस मैरी जोसेफ की जिम्मेदारी थी। याचिका में कहा गया है कि चार्टर 'एक न्यायसंगत और निष्पक्ष न्यायपालिका के लिए एक दिशानिर्देश के रूप में कार्य करता है, न्याय के न्यायसंगत प्रशासन को बढ़ावा देता है।

    याचिकाकर्ता का दावा है कि एडवोकेट जोसेफ को अपनी मां के जज के चैंबर में जाने की खुली छूट है। याचिकाकर्ता न्यायाधीशों के चैंबर में प्रवेश करने और वहां से आने वाले व्यक्तियों के नाम और समय दर्ज करने वाले प्रोटोकॉल का पालन न करने से व्यथित है। इस संबंध में याचिकाकर्ता ने एडवोकेट पर रोक लगाने के लिए अदालत से निर्देश मांगा है। जोसेफ को जस्टिस मैरी जोसेफ के चैंबर में प्रवेश करने से रोकने की मांग की गई है।

    जस्टिस शाजी पी चाली की सिंगल बेंच के सामने सोमवार को मामला आया तो रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी किया गया। इस मामले को 10 अप्रैल 2023 को आगे के विचार के लिए पोस्ट किया गया है।

    कोर्ट ने पूर्व में एडवोकेट शेनॉय के खिलाफ को 9 फरवरी, 2023 को जस्टिस मैरी जोसेफ की अदालत में उनके कथित दुर्व्यवहार के लिए स्वत: संज्ञान लेकर अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू की थी।

    शेनॉय ने बाद में जस्टिस मैरी जोसेफ के समक्ष कथित घटना को लेकर बार काउंसिल ऑफ केरल द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस को चुनौती देते हुए एक रिट याचिका दायर की। इसके बाद अदालत ने कथित घटना वाले दिन जस्टिस मैरी जोसेफ की अदालत में हुई कार्यवाही की ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग को सुरक्षित रखने का निर्देश देते हुए एक अंतरिम आदेश जारी किया था।

    इस वर्तमान याचिका में एडवोकेट शेनॉय का दावा है कि 9 फरवरी को एडवोकेट फिलिप ने जस्टिस जोसेफ के चैंबर का दौरा किया और उन्हें बार काउंसिल केरल और मुख्य न्यायाधीश के साथ शेनॉय के खिलाफ जस्टिस जोसेफ की अदालत में उनके कथित दुर्व्यवहार के बारे में झूठी शिकायत दर्ज करने के लिए राजी किया।

    एडवोकेट शेनॉय ने पहले भी एक रिट याचिका दायर की थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि जस्टिस जोसेफ ने अपनी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध मामलों की संख्या को एक दिन में केवल 20 मामलों तक सीमित कर दिया है , जबकि अन्य न्यायाधीशों के पास प्रतिदिन 100 या अधिक मामले सूचीबद्ध होते हैं। वकील ने अपनी याचिका में कहा था कि मुख्य न्यायाधीश मास्टर ऑफ रोस्टर होने के नाते अकेले ही मामलों की सूची पर रजिस्ट्री को निर्देशित करने की शक्ति रखते हैं और कोई भी न्यायाधीश इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता या रजिस्ट्री को उस सूची को कम करने का निर्देश नहीं दे सकता है। मामला न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है।

    केस टाइटल : यशवंत शेनॉय वी जस्टिस मैरी जोसेफ

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