2014 में की गई यौन उत्पीड़न और हमले की शिकायत की जांच अब तक पूरी नहीं हुई, दिल्ली हाईकोर्ट ने डीसीपी को पेश होने का निर्देश दिया
LiveLaw News Network
29 Oct 2021 1:12 PM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले में दिल्ली पुलिस के एक डीसीपी की व्यक्तिगत उपस्थिति की मांग की है। मामले में पुलिस 2014 में दर्ज यौन उत्पीड़न की एफआईआर की जांच पूरी करने के लिए कोई कदम उठाने में विफल रही है। हाईकोर्ट ने मामले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने शुक्रवार को डीसीपी को कोर्ट के सामने पेश होने का निर्देश देते हुए मामले में दूसरी बार नाराजगी जाहिर की। राज्य को जांच के सटीक स्थिति को स्पष्ट करने का निर्देश दिया गया है।
अदालत एक महिला की याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें महिला ने अपने और अपनी मां के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश देने की मांग की थी। महिला ने आरोपियों के हाथों अपने और अपनी मां के लिए खतरा बताया था।
पिछले साल सितंबर में अदालत ने पुलिस के आचरण पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी, जिसके बाद नवंबर 2020 में एक स्थिति रिपोर्ट दायर की गई थी जिसमें कहा गया था कि शिकायतकर्ता महिला घायल अवस्था में पाई गई थी।
महिला ने अपने बयान में आरोप लगाया कि उसे और उसकी मां को कुछ पुरुषों ने पीटा और उसके पैरों पर कुदाल से प्रहार किया। उसने यह भी आरोप लगाया था कि एक आदमी ने उसके स्तन को दबाया। उसे अपनी कार की ओर खींच लिया और उसे कार के अंदर डालने का प्रयास किया।
इसके बाद मामले में धारा 323, 341, 506, 509, 354, 354A सहपठित धारा 34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
कोर्ट ने कहा, "पुलिस स्टेशन रणहोला के एसआई सत्यवीर सिंह आज अदालत में पेश हुए और कहा कि वह मामले के आईओ नहीं हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 2014 में एफआईआर दर्ज की गई थी और यहां तक कि पुलिस ने भी यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया था जांच पूरा हो। डीसीपी (बाहरी दिल्ली) को सुनवाई की अगली तारीख पर पेश होने का निर्देश दिया जाता है, ताकि यह बताया जा सके कि जांच अभी तक पूरी क्यों नहीं हुई है।"
आज मामले को फिर उठाया जाएगा।
केस शीर्षक: रीतू रानी @ रितु, अपनी मां अनीता के माध्यम से बनाम एनसीटी ऑफ दिल्ली और अन्य
आदेश पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें