'कैसे राजनेता और सेलिब्रिटी COVID-19 की दवाओं का वितरण कर रहे हैं जबकि राज्य में इन दवाओं की कमी है?': बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा

LiveLaw News Network

13 May 2021 7:17 AM GMT

  • कैसे राजनेता और सेलिब्रिटी COVID-19 की दवाओं का वितरण कर रहे हैं जबकि राज्य में इन दवाओं की कमी है?: बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य को अंतरिम आवेदन पर जवाब देने के लिए कहा, जिसमें पूछा गया है कि कैसे राजनेताओं और मशहूर हस्तियों द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन और टोसिलिजुमैब जैसी जांच दवाओं को खरीदा और वितरित किया जा रहा है जबकि राज्य इन दवाओं की आधिकारिक आपूर्ति में कमी के बारे में शिकायत कर रहा है।

    मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ COVID -19 प्रबंधन के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। मामले में अधिवक्ता राजेश इनामदार ने कहा कि मरीजों ने ट्विटर के माध्यम से बॉलीवुड हस्तियों और राजनेताओं से संपर्क किया, जब वे वैध आधिकारिक माध्यमों से रेमडेसिविर इंजेक्शन पाने में विफल रहे।

    एडवोकेट राजेश ने कहा कि बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद और राकांपा के जीशान सिद्दीकी द्वारा एक घंटे के भीतर रेमडेसिविर इंजेक्शन को वितरित किया जाना जैसे कई अन्य उदाहरण हैं।

    चीफ जस्टिस ने कहा कि,

    "आप (राज्य) फिल्म सितारों और राजनेताओं के लिए नोडल अधिकारी क्यों नहीं नियुक्त करते? उन पर भगवान का आशीर्वाद होगा और हम उनके रास्ते में नहीं खड़े होंगे। लेकिन मदद सभी तक पहुंचनी चाहिए न कि कुछ चुनिंदा लोगों को।"

    पीठ ने आगे कहा कि,

    "जैसा कि अधिवक्ता ने कहा कि यह सिर्फ हिमखंड का सिरा है। हमें नहीं पता कि पानी के नीचे क्या है। हम यहां कानून के अनुसार न्याय करने के लिए हैं। हम कानून के खिलाफ नहीं जा सकते हैं।"

    इसके बाद जस्टिस कुलकर्णी ने पूछा कि क्या इससे कालाबाजारी पर लगाम लगेगी। क्या यह जमाखोरी, अवैध स्टॉकिंग और अवैध वितरण है?

    पीठ ने इसके बाद राज्य से इन आरोपों का जवाब देने को कहा।

    एडवोकेट इनामदार ने कहा कि मुंबई के अस्पतालों में भी बोर्ड लगा हुआ है कि उनके पास COVID-19 रोगियों के इलाज के लिए रेमडेसिविर / टोसिलिजुमैब का कोई स्टॉक नहीं है और डॉक्टर रोगी के रिश्तेदारों पर दबाव बना रहे हैं कि वे बाहर से दवा खरीदकर लाएं।

    पीठ ने राज्य से पूछा कि,

    "कुछ लोगों का समूह, राजनेताओं आदि जो मरीजों को मनमाने ढंग से रेमडेसिविर वितरित कर रहे हैं, वे इसे कैसे खरीद रहे हैं?"

    पीठ ने राज्य से पूछा कि उनके आदेशों का पालन क्यों नहीं किया जाता है और मरीजों को स्वतंत्र रूप से रेमडेसिविर खरीदने के लिए कहा जाता है।

    एडवोकेट इनामदार ने अपने आवेदन में कहा है कि ट्वीट करने के कुछ घंटों के भीतर रेमडेसिविर की शीशियां लोगों तक पहुंच जाती हैं।

    याचिका में कहा गया कि,

    "यह प्रस्तुत किया जाता है कि जनप्रतिनिधियों और मशहूर हस्तियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोगों को उनके पास नहीं आना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य द्वारा प्रदान की जाने वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में दवा प्राप्त करने का प्रावधान है। यह वास्तव में लोगों की सहायता के लिए है। इसके साथ ही राज्य को निर्धारित उचित माध्यमों और तंत्र से दवाओं की खरीद के लिए व्यक्तियों का मार्गदर्शन करें और दायित्वों को पूरा करने में राज्य की सहायता करें और किसी भी लाभ के लिए उन लोगों को राजनीतिक या व्यक्तिगत रूप से निर्भर न बनाएं।"

    याचिका को एडवोकेट शशवत आनंद और एडवोकेट सैफ आलम ने तैयार किया है और एडवोकेट पंकज खंदारी ने दायर की है।

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