Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य सुर्खियां

दूरसंचार विभाग के दावे के विपरीत धोखाधड़ी वाली फ़िशिंग अभी भी चल रही है, पेटीएम ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा

LiveLaw News Network
26 Jun 2020 5:20 AM GMT
दूरसंचार विभाग के दावे के विपरीत धोखाधड़ी वाली फ़िशिंग अभी भी चल रही है, पेटीएम ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा
x

पेटीएम ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक हलफ़नामा दायर कर अपनी रिट याचिका के बाद की स्थिति का वर्णन किया है। पेटीएम ने अपने ग्राहकों के खाते से धोखाधड़ी से पैसे उड़ाने के बारे में उनकी सुरक्षा को लेकर याचिका दायर की थी।

न्यायमूर्ति डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जैन की खंडपीठ के समक्ष यह हलफ़नामा दायर किया गया।

याचिककर्ता ने अदालत से कहा कि एमटीएनएल ने अपने जवाब में कहा है कि उसने सभी सेंडर आईडी/हेडर जो याचिककर्ता के हेडर से मेल खाते हैं, उन्हें काली सूची में डाल दिया है। उसने यह भी कहा कि जिस भी कंटेंट में पेटीएम शब्द आता है उन सभी कंटेंट जो धोखा देने के इरादे से एक तरह से बनाए गए हैं, उन्हें ब्लॉक कर दिया है।

याचिककर्ता ने बताया कि इसके अलावा एयर टेल ने भी ऐसे टेली-मार्केटर की पहचान की है जो फ़िशिंग कॉल के लिए ज़िम्मेदार हैं और इन्हें काली सूची में डाल दिया है।

याचिककर्ता ने बताया कि पिछली सुनवाई में अदालत को ग़लती करनेवाले टेलीमार्केटर को ब्लॉक करने के आश्वासन के बाद भी हेडर और एसएमएस कंटेंट याचिकाकर्ता के हेडर और कंटेंट से ऐसे मिलते हैं कि कोई धोखा खा जाए।

याचिककर्ता ने कहा है कि ग़ैर पंजीकृत टेली-मार्केटर की ओर से अवांछित वाणिज्यिक संदेशों (यूसीसी) का भेजा जाना निर्बाध जारी है।

हलफ़नामे में कहा गया है कि जून 19 को भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ने ट्राई अधिनियम की धारा 13 के तहत एक निर्देश जारी किया था कि सभी दूरसंचार कंपनियों को अपने पंजीकृत हेडर की पूरी सूची प्रकाशित करनी होगी।

फिर, 22 जून को ट्राई ने 'प्रेस को सूचना नोट' प्रकाशित किया और कहा कि वाणिज्यिक संदेश भेजने वाली ऐसे प्रधान एकक की पहचान को सफल बनाने के लिए अथॉरिटी ने एसएमएस हेडर्स और प्रधान एककों के नाम प्रकाशित किए हैं।

Next Story