कानूनी सलाहकार के रूप में विदेशी वकील नहीं कर सकते कैदी से मुलाकात, सीबीआई कोर्ट ने क्रिश्चियन मिशेल की याचिका खारिज की
LiveLaw News Network
24 Feb 2020 10:21 PM IST
दिल्ली की एक विशेष सीबीआई कोर्ट ने सोमवार को अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले मामले में आरोपी क्रिश्चियन मिशेल की तरफ से दायर अर्जी को खारिज कर दिया है। इस अर्जी में विदेशी वकील के साथ उसे कानूनी साक्षात्कार की अनुमति देने की मांग की गई थी।
अदालत ने कहा कि दिल्ली जेल नियम 2018 में केवल अधिवक्ता अधिनियम 1961 के अर्थ के तहत आने वाले कानूनी पेशेवर को जेल कैदियों के साथ कानूनी साक्षात्कार करने की अनुमति दी जाती है।
'बार काउंसिल ऑफ इंडिया बनाम ए.के बालाजीतहाट' मामले में वर्ष 2018 में दिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार विदेशी वकील भारत में मुकदमेबाजी या गैर-मुकदमेबाजी करने के हकदार नहीं है। इस कोर्ट ने भी इस फैसले का हवाला दिया।
राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष सीबीआई न्यायाधीश अरविंद कुमार ने अपने आदेश में कहा कि-
''उपर्युक्त नियमों को देखने से यह स्पष्ट है कि उपरोक्त जेल नियमों के अनुसार, अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के तहत पंजीकृत कानूनी पेशेवर को ही अभियुक्त से मिलने या कानूनी साक्षात्कार करने की अनुमति है।
जहां तक विदेशी वकीलों का संबंध है, अधिवक्ता अधिनियम 1961 ,विदेशी वकीलों को भारत में मुकदमेबाजी पक्ष में प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं देता है।
पूर्वोक्त नियम स्पष्ट करते हैं कि विदेशी वकील कानूनी सलाहकार के रूप में तिहाड़ जेल के कैदी /बंदी के साथ कानूनी साक्षात्कार करने के हकदार नहीं हैं।''
अपनी अर्जी में मिशेल ने इतालवी वकील रोजमेरी पैट्रीजी के साथ परामर्श की अनुमति मांगी थी। उसने कहा था कि यह उन मामलों के संचालन के लिए आवश्यक है,जिनका वह विदेशी न्यायालयों में सामना कर रहा था।
अदालत ने कहा कि रोजमेरी पैट्रीजी को कानूनी सलाहकार के तौर पर मिशेल के साथ साक्षात्कार की अनुमति नहीं दी जा सकती। अदालत ने यह भी कहा कि मिशेल की तरफ से पहले से ही तीन भारतीय वकील- एडवोकेट श्रीराम परक्कत, एम.एस विष्णु शंकर, नयन मग्गो पेश हो रहे हैं।
अदालत ने आगे कहा कि अर्जी में भारत से बाहर लंबित उन मामलों का कोई विवरण नहीं है, जिसके बारे में अभियुक्त विदेशी वकील के साथ चर्चा करना चाहता था।
हालांकि, कोर्ट ने कहा कि रोजमेरी पैट्रीजी जेल के नियमों के अनुसार एक मित्र के रूप में मिशेल से मिल सकती है। 12 फरवरी, 2019 को एक बार उनको इस तरह मिलने की अनुमति दी भी गई थी।
आरोपी ने आईएसडी कॉल करने की अनुमति मांगते हुए एक और आवेदन दिया था। हालांकि, उसके वकीलों ने इस मांग पर इसलिए दबाव नहीं दिया क्योंकि यह मुद्दा दिल्ली हाईकोर्ट के विचार के अधीन था या हाईकोर्ट विचार कर रही थी।
मिशेल उन तीन कथित बिचैलियों में से एक है, जो वीवीआईपी चॉपर घोटाले( जिसमें अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी भी शामिल है ) मामले में आरोपी है और जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है।
इस मामले में गुइडो हेशके और कार्लो गेरोसा भी शामिल हैं।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए 8 फरवरी, 2010 को हुए 556.2 मिलियन यूरो के सौदे में सरकारी खजाने को 398.21 मिलियन यूरो (लगभग 2,666 करोड़ रुपये) का अनुमानित नुकसान हुआ था।
ईडी ने जून 2016 में मिशेल के खिलाफ दायर अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया था कि अगस्ता वेस्टलैंड से उसको 30 मिलियन यूरो (करीब 225 करोड़ रुपये) मिले हैं।
उसे प्रवर्तन निदेशालय ने दिसंबर 2019 में दुबई से उसके प्रत्यर्पण के बाद गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में है।