बिजली कनेक्शन से केवल इसलिए इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि जमीन के मालिकाना हक का विवाद लंबित है: गुजरात हाईकोर्ट

Brij Nandan

9 Aug 2022 4:15 AM GMT

  • बिजली कनेक्शन से केवल इसलिए इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि जमीन के मालिकाना हक का विवाद लंबित है: गुजरात हाईकोर्ट

    गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने कहा कि किसी को बिजली कनेक्शन से केवल इसलिए इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि जमीन के मालिकाना हक का विवाद लंबित है।

    जस्टिस एएस सुपेहिया ने खंडपीठ के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि किसी उपभोक्ता को बिजली का कनेक्शन देने के साथ अधिकार और स्वामित्व या अधिभोग के अधिकार का कोई संबंध नहीं है।

    याचिकाकर्ताओं, भूमि के वर्तमान कब्जेदारों ने प्रस्तुत किया कि उन्हें बिजली कनेक्शन से केवल इसलिए वंचित किया गया क्योंकि जिस भूमि पर वे कब्जा कर रहे हैं वह सरकार के नाम पर है। मामलातदार ने उनके खिलाफ गुजरात भू-राजस्व संहिता की धारा 61 के तहत अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की है।

    अपने तर्क को मजबूत करने के लिए, याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय के एक आदेश और विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 43 पर भरोसा किया, जो परिसर के किसी भी मालिक या अधिभोगी को बिजली की आपूर्ति को अनिवार्य करता है। याचिकाकर्ताओं को विचाराधीन भूमि का 'अधिभोगी' कहा जा सकता है और प्रतिवादी अधिकारी कनेक्शन से इनकार नहीं कर सकते।

    जस्टिस सुपेहिया ने कहा कि याचिकाकर्ता संबंधित कृषि भूमि के मालिक हैं जिसके लिए बिजली मांगी गई है। तथापि, इस आधार पर बिजली देने से इनकार कर दिया गया कि याचिकाकर्ता सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर रहे हैं।

    धारा 43 का अवलोकन करते हुए जस्टिस सुपेहिया ने निष्कर्ष निकाला कि प्रावधान यह निर्धारित करता है कि लाइसेंसधारी उन परिसरों में बिजली की आपूर्ति करेगा जहां मालिक या कब्जाधारी द्वारा आवेदन दायर किया गया था।

    इसके बाद, एलपीए संख्या 91/2010 में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के आदेश का संदर्भ दिया गया जिसमें यह देखा गया था,

    "इस तरह की शक्ति कंपनी के पास कानून के तहत निहित नहीं है और चूंकि कंपनी अधिकार और टाइटल के विवादित प्रश्न का फैसला नहीं कर सकती है, हमारा विचार है कि स्वामित्व या अधिभोग के अधिकार का उपभोक्ता को विद्युत कनेक्शन प्रदान करने के साथ कोई संबंध नहीं है।"

    उपरोक्त प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए जस्टिस सुपेहिया ने प्रतिवादी-कंपनी को निर्देश दिया कि याचिकाकर्ताओं के नाम वाली सूची के अनुसार संपत्ति के परिसर में जल्द से जल्द बिजली कनेक्शन की आपूर्ति की जाए।

    केस नंबर: सी/एससीए/6281/2021

    केस टाइटल: योगेश लक्ष्मणभाई चोवाटिया बनाम डिप्टी इंजीनियर के माध्यम से पीजीवीसीएल

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