ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों की सुरक्षा) नियम, 2020 का ड्राफ़्ट प्रकाशित

LiveLaw News Network

15 July 2020 5:38 AM GMT

  • ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों की सुरक्षा) नियम, 2020 का ड्राफ़्ट प्रकाशित

    केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने सरकारी गज़ेट में ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों की सुरक्षा) नियम, 2020 का ड्राफ़्ट प्रकाशित कर दिया है ताकि इस बारे में लोगों की राय ली जा सके। इस ड्राफ़्ट में इस समुदाय के लोगों को पहचान पत्र जारी करना, उनकी पहचान को स्वीकार करना और उनके लिए कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत करने जैसी बातें शामिल हैं।

    इस अधिनियम को संसद ने पिछले साल नवंबर में पास किया था।

    इस ड्राफ़्ट में 'भेदभाव' को परिभाषित किया गया है और इसे जेंडर पहचान के आधार पर बहिष्करण या किसी भी तरह की पाबंदी से जोड़ा गया है और इसमें हर तरह के भेदभाव और किराए पर घर नहीं देने को भी शामिल किया गया है।

    नियम में सरकार को किसी भी सरकारी और निजी संगठन में शिक्षा, रोज़गार, स्वास्थ्य, सार्वजनिक परिवहन, आम जीवन में शामिल होने, खेलकूद, मनोरंजन और सार्वजनिक या निजी कार्यालय खोलने में भेदभाव को ख़त्म करने का अधिकार देने की बात है। यह भी कहा गया है कि अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप ट्रांसजेंडर लोगों की सुरक्षा के लिए सरकारें व्यापक नीति बनाएगी। नियम में यह भी कहा गया है कि हर प्रतिष्ठान किसी भी ट्रांसजेंडर के ख़िलाफ़ रोज़गार, बुनियादी एडजस्टमेंट्स, भर्ती, प्रोमोशन और संबंधित मामलों में कोई भेदभाव नहीं हो, यह सुनिश्चित करेगा।

    ड्राफ़्ट में शिकायतों के निपटारे के लिए एक मंच के गठन की बात कही गई है और यह कि सरकार अधिनियम की धारा 11 के तहत एक अधिकारी को नियुक्त करेगा। राज्य और स्थानीय स्तर पर ट्रांसजेंडरों के कल्याण और उनके अधिकारों की सुरक्षा की निगरानी, समीक्षा और मूल्यांकन के लिए एक राष्ट्रीय परिषद के गठन की बात कही गई है।

    इस बारे में कोई सुझाव या आपत्तियां भारत सरकार के संयुक्त सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालाय, शास्त्री भवन, नई दिल्ली – 110001 को 30 दिनों के भीतर भेजी जा सकती है।

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