दिल्ली हाईकोर्ट ने रिटेल स्टोर पर 'हेटिच' ट्रेडमार्क और ट्रेडनेम का इस्तेमाल करके किसी भी नकली उत्पाद को बेचने पर रोक लगाई
Brij Nandan
24 Jun 2022 10:15 AM GMT
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने एक रिटेल स्टोर को HETTICH और HETTICH लोगो ट्रेडमार्क और ट्रेड नेम का इस्तेमाल करके किसी भी नकली उत्पाद या किसी अन्य संबंधित सामान को बेचने से रोक दिया है।
जस्टिस ज्योति सिंह, हेटिच मार्केटिंग-अंड वर्ट्रीब्स जीएमबीएच एंड कंपनी द्वारा गुप्ता स्टोर नाम के एक रिटेल स्टोर के खिलाफ दायर मुकदमे की सुनवाई कर रही थीं, जिसमें उसे ट्रेडमार्क 'HETTICH' और उसके लोगो का उल्लंघन करने से रोकने की मांग की गई थी।
यह वादी का मामला था कि ट्रेड नेम और ट्रेडमार्क HETTICH की उत्पत्ति वर्ष 1888 इसने संस्थापक पिता द्वारा की गई थी। वादी कंपनियों के विविध समूह का हिस्सा थे, जो दुनिया भर के कई देशों में परिचालन कर रहे थे और फर्नीचर, फिटिंग, डोर हिंग, रनर आदि के निर्माण, विपणन और बिक्री में लगे हुए थे जिसके कारण उक्त मार्क उनके उत्पादों की विशिष्ट और अपार सद्भावना बन गया है।
वादी द्वारा यह तर्क दिया गया कि ट्रेडमार्क और ट्रेड नेम, 'HETTICH', की उत्पत्ति वादी के संस्थापक पिता कार्ल-हेटिच ने की थी, जिन्होंने वर्ष 1888 में ब्लैक-फॉरेस्ट कोयल घड़ियों के लिए एंकर एस्केपमेंट के उत्पादन को विकसित और यंत्रीकृत किया था। इस व्यावसायिक विरासत को अगस्त हेटिच द्वारा आगे बढ़ाया गया, जिन्होंने वर्ष 1928 में पियानो टिका के लिए एक उत्पादन लाइन विकसित की थी। इससे वादी के व्यवसाय की उत्पत्ति हुई, जो दशकों से विश्व स्तर पर विस्तारित हुआ है और इसके तहत ट्रेड मार्क और ट्रेड नेम 'HETTICH' लोकप्रिय हो गया है।
प्रतिवादी का एक रिटेल स्टोर है जो फर्नीचर फिक्स्चर और घटकों सहित हार्डवेयर उत्पादों को बेचता है। वादी द्वारा वर्ष 2014 में यह जानने के बाद कि प्रतिवादी नकली HETTICH उत्पादों को बेचने में लिप्त है, मुकदमा दायर किया गया था।
प्रतिवादी ने नकली उत्पादों की बिक्री को स्वीकार किया और एकमात्र बचाव यह था कि उसने नकली HETTICH उत्पादों की खरीद नहीं की थी और वादी से निकलने वाले वास्तविक उत्पादों को बेच रही थी। स्थानीय आयुक्त की रिपोर्ट ने वादी के रुख का समर्थन किया क्योंकि नकली उत्पाद की एक यूनिट प्रतिवादी के परिसर में बिक्री के साक्ष्य के चालान के साथ पाई गई थी।
प्रतिवादी के वकील ने कहा कि वह मुकदमा नहीं लड़ना चाहता था और निषेधाज्ञा भुगतने को तैयार था।
इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि प्रतिवादी मुकदमा नहीं लड़ रहा था, कोर्ट का विचार था कि चालान और स्थानीय आयुक्त की रिपोर्ट के अवलोकन से नकली माल की जब्ती की पुष्टि हुई। इस प्रकार, कोर्ट ने पाया कि सारांश निर्णय पारित करने के लिए यह एक उपयुक्त मामला है।
अदालत ने आदेश दिया,
"तदनुसार, प्रतिवादी, उसके साझेदार या मालिक, उसके अधिकारी, नौकर, एजेंट और प्रतिनिधि, जैसा भी मामला हो, ट्रेडमार्क और ट्रेड नेम HETTICH और HETTICH लोगो का इस्तेमाल करके किसी भी नकली उत्पाद और / या किसी अन्य संबंधित सामान को बेचने से स्थायी रूप से प्रतिबंधित हैं।"
इस तरह सूट का निस्तारण किया गया।
केस टाइटल: हेटिच मार्केटिंग-यूएनडी वर्ट्रीब्स जीएमबीएच एंड कंपनी केजी एंड अन्य बनाम गुप्ता स्टोर
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