दिल्ली हाईकोर्ट ने कंपनी मामलों में शीघ्र सुनवाई के आवेदनों के संबंध में प्रैक्टिस डायरेक्शन निर्देश जारी किए
LiveLaw News Network
8 Feb 2022 11:24 AM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने अदालत द्वारा कंपनी के मामलों के संबंध में जल्दी सुनवाई के आवेदनों पर विचार करने के लिए कुछ अभ्यास निर्देश (प्रैक्टिस डायरेक्शन) जारी किए।
उक्त प्रैक्टिस डायरेक्शन "री-एमआईएस जेवीजी फाइनेंस लिमिटेड" में पारित 26 नवंबर, 2021 के आदेश के अनुसार जारी किए गए।
प्रैक्टिस डायरेक्शन के अनुसार, कंपनी के मामले की जल्द सुनवाई की मांग करने वाले किसी भी आवेदन में आवेदक को अनिवार्य रूप से एक वचन देना होगा कि आवेदन से जुड़े मुद्दों से संबंधित कोई अन्य आवेदन लंबित नहीं है।
यह भी जोड़ा गया कि यदि उपक्रम गलत पाया जाता है तो शीघ्र सुनवाई का आवेदन केवल इसी आधार पर खारिज किया जा सकता है।
आगे यह भी कहा गया कि यदि ऐसा कोई जुड़ा हुआ आवेदन लंबित है तो आवेदक अनिवार्य रूप से ऐसे सभी आवेदनों के विवरण का खुलासा करेगा।
जारी किए गए प्रैक्टिस डायरेक्शन निम्नानुसार हैं:
- कंपनी के मामले की जल्द सुनवाई की मांग करने वाले किसी भी आवेदन में आवेदक को एक वचनबद्धता देनी होगी कि कोई अन्य आवेदन, जिसमें आवेदन से संबंधित मुद्दों को शामिल किया गया है, जिसकी जल्द सुनवाई की मांग की गई है, लंबित नहीं है।
- यदि वचनबद्धता गलत पाई जाती है तो जिस आवेदन की शीघ्र सुनवाई की मांग की गई है, उसे केवल इसी आधार पर खारिज किया जा सकता है।
- यदि ऐसा कोई संबंधित आवेदन लंबित है तो आवेदक अनिवार्य रूप से ऐसे सभी आवेदनों के विवरण का खुलासा करेगा।
- इसमें एक ही संपत्ति से संबंधित सभी आवेदन और साथ ही आवेदन शामिल होंगे। इसके परिणाम उस आवेदन के परिणाम से प्रभावित हो सकते हैं जिसकी शीघ्र सुनवाई की मांग की गई है। ऐसी स्थिति में आवेदक को ऐसे आवेदन (आवेदनों) की प्रतियां (अनुलग्नक के बिना) संलग्न करने की आवश्यकता होगी।
- कोई भी आवेदन, जो उपरोक्त निर्देशों के अनुरूप नहीं है, विचार के लिए न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जाएगा।
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