दिल्ली हाईकोर्ट ने पत्रकार आरती टीकू के अकाउंट को लॉक करने के ट्विटर के फैसले के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया
LiveLaw News Network
11 Jan 2022 4:47 PM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को पत्रकार और 'द न्यू इंडियन' की फाउंडर आरती टीकू द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उनके अकाउंट को लॉक करने के ट्विटर के फैसले को चुनौती दी गई थी।
टीकू का मामला यह है कि उसने अपने चचेरे भाई को जाने वाली धमकी और 'कश्मीरी इस्लामवादियों' की हरकतों को लेकर एक ट्वीट पोस्ट किया था।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय देते हुए केंद्र और ट्विटर से जवाब मांगा। प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया गया है।
याचिका के अनुसार, 14 दिसंबर, 2021 को टीकू के चचेरे भाई ने ट्विटर स्पेस चर्चा में भाग लिया, जिसमें उसे 'भारतीय एजेंट' कहा गया और उनके खिलाफ अन्य आरोप लगाए गए हैं।
इसके बाद अगले दिन, उसके द्वारा निम्नलिखित ट्वीट पोस्ट किया गया,
"मेरा भाई जो श्रीनगर में रहता है, कश्मीर-भारत में बैठे जिहादी आतंकवादियों और पाकिस्तान, ब्रिटेन और अमेरिका में उनके आकाओं द्वारा खुलेआम धमकाया जा रहा है। क्या कोई देख रहा है? क्या हम इस्लामवादियों द्वारा गोली मारने की प्रतीक्षा कर रहे हैं या आप उन पर कार्रवाई करेंगे ?"
ट्विटर ने उसी दिन उनका अकाउंट लॉक कर दिया।
टीकू की ओर से पेश अधिवक्ता राघव अवस्थी ने अदालत को अवगत कराया कि याचिकाकर्ता एक पत्रकार है जो इस पेशे में 20 से अधिक वर्षों से काम कर रही हैं।
उन्होंने कोर्ट को आगे बताया कि ट्विटर स्पेस ग्रुप पर टीकू के चचेरे भाई को धमकी दी गई थी।
उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि वर्तमान याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े द्वारा उनके ट्विटर अकाउंट को निलंबित करने से संबंधित मामले में दायर याचिका के समान है।
ट्विटर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने अदालत से संजय हेगड़े की याचिका के साथ मामले की सुनवाई करने का अनुरोध किया जो कल (बुधवार) सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
सुनकर कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह मौजूदा स्तर पर कोई अंतरिम राहत नहीं दे रहा है।
कोर्ट ने कहा,
"अवस्थी, अंतरिम पर कोई सवाल नहीं है।"
अवस्थी ने तब अदालत से कानूनी बिंदुओं पर याचिका पर फैसला करने का अनुरोध किया।
अवस्थी ने अदालत से कहा,
"टीकू का अकाउंट निलंबित कर दिया गया है। वो ट्विटर पर प्रभावी ढंग से कुछ भी पोस्ट नहीं कर सकतीं।"
उन्होंने कहा कि टीकू के पेशे की प्रकृति ऐसी है कि उसे माइक्रोब्लॉगिंग साइट की जरूरत है।
कोर्ट ने मामले को 30 मार्च के लिए पोस्ट करते हुए स्थगन आवेदन पर कहा,
"याचिकाकर्ता के वकील इस स्तर पर वर्तमान आवेदन पर दबाव नहीं डालते हैं, लेकिन यदि आवश्यक हो तो याचिका दायर करने के लिए स्वतंत्रता की मांग करते हैं। याचिका के पूरा होने के बाद इसे खारिज कर दिया जाता है क्योंकि प्रार्थना में इसे स्वतंत्रता के साथ दबाया नहीं गया।"
टीकू ने ट्विटर पर अपने चचेरे भाई को दी गई धमकियों के टेप का जिक्र करते हुए याचिका में कहा है कि ट्विटर द्वारा उनके अकाउंट को लॉक करने की कार्रवाई अनुच्छेद 14, 19 और 21 का उल्लंघन है, क्योंकि यह उनके बोलने के अधिकार का उल्लंघन है।
याचिका में कहा गया,
"इसके अलावा, ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके तहत प्रतिवादी संख्या 2 जैसे मध्यस्थ द्वारा प्रसारण से पहले सामग्री को संपादित या संशोधित किया जा सकता है। दूसरे शब्दों में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत इस कार्रवाई के लिए कोई मंजूरी नहीं है और नवीनतम सूचना प्रौद्योगिकी (इंटरमीडियर दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को इसके तहत बनाया गया है।"
याचिका में ट्वीट को हटाने के अलावा ट्विटर द्वारा उनके अकाउंट को लॉक करने के फैसले को रद्द करने की मांग की गई है।
केस का शीर्षक: आरती टिकू बनाम भारत संघ एंड अन्य।