दिल्ली हाईकोर्ट ने बीए फाइनल ईयर की तैयारी करने और परीक्षा में बैठने के लिए आसिफ इकबाल तन्हा को कस्टडी बेल दी

LiveLaw News Network

8 Jun 2021 4:48 AM GMT

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने बीए फाइनल ईयर की तैयारी करने और परीक्षा में बैठने के लिए आसिफ इकबाल तन्हा को कस्टडी बेल दी

    दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगों के बड़े षड्यंत्र मामले में मुकदमे का सामना कर रहे आसिफ इकबाल तन्हा को अंतरिम हिरासत जमानत दी। इससे तन्हा अपने बीए (ऑनर्स) कार्यक्रम को पूरा करने के लिए अपनी तीन बैकलॉग परीक्षाओं में बैठने में सक्षम हो गया है।

    न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप जे. भंभानी की खंडपीठ ने तन्हा को 14 दिनों की अंतरिम हिरासत जमानत इस शर्त के अधीन दी कि वह आवंटित सुविधा पर दो जेल प्रहरियों की हिरासत में रहेगा और इसकी लागत वही वहन करेगा। इसके साथ ही वह अपने लिए एक लैपटॉप या कंप्यूटर और एक बुनियादी मोबाइल फोन की व्यवस्था करेगा, जो स्मार्ट फोन नहीं होना चाहिए। जिसे उक्त अवधि की समाप्ति पर फोरेंसिक ऑडिट करने के उद्देश्य से स्पेशल सेल को सौंप दिया जाएगा।

    तन्हा को 13 जून को रिहा किया जाएगा और उसकी अंतरिम हिरासत जमानत 26 जून को खत्म होगी।

    कोर्ट ने आदेश दिया कि,

    "तथ्यों और परिस्थितियों के एक परिप्रेक्ष्य पर और विशेष रूप से तथ्य यह है कि आवेदक के लिए अपने बीए (ऑनर्स) (फारसी) कार्यक्रम को पूरा करने के लिए अपनी तीन शेष बैकलॉग / कम्पार्टमेंट परीक्षाओं में बैठना अनिवार्य है और शर्तों के आधार पर और पक्षकारों के वकील के बीच सहमत शर्तों के अनुसार यह अदालत आवेदक को अंतरिम हिरासत जमानत देना उचित समझती है।"

    तन्हा के लिए अंतरिम हिरासत जमानत की शर्तें

    तन्हा फैब होटल-ले-ग्रांड कालकाजी, नई दिल्ली में दो जेल प्रहरियों की हिरासत में रहेगा, जिन्हें जेल अधीक्षक द्वारा इस उद्देश्य के लिए प्रतिनियुक्त किया जाएगा। वह उक्त सुविधा में दो कमरों के लिए सभी शुल्क, लागत और खर्च भी वहन करेगा। एक कमरे में वह खुद रहेगा और दूसरे कमरे में अंतरिम हिरासत जमानत की पूरी अवधि के लिए प्रतिनियुक्त दो जेल प्रहारी रहेंगे।

    कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि वह 10 जून को या उससे पहले संबंधित जेल अधीक्षक के पास अग्रिम रूप से 50,000/- रुपये (पचास हजार रुपये) की राशि जमा करेगा।

    कोर्ट ने इसके अलावा यह भी निर्देश दिया है कि अंतरिम हिरासत जमानत की अवधि के दौरान वह परिवार के सदस्यों, दोस्तों, सहपाठियों या किसी अन्य व्यक्ति सहित किसी भी विजटर या अतिथि से नहीं मिल सकता है।

    कोर्ट ने निर्देश दिया कि,

    "परीक्षा में अपने उपयोग के लिए आवेदक को अपने जोड़ीदार के माध्यम से एक लैपटॉप कंप्यूटर और एक बुनियादी मोबाइल फोन (स्मार्ट फोन नहीं) की व्यवस्था करनी होगी, जिसे कंप्यूटर एसएचओ, पीएस: स्पेशल सेल को जांच के लिए सौंपा जाएगा और अपेक्षित जांच करने के बाद आवेदक को उक्त सुविधा पर एसएचओ, पीएस: स्पेशल सेल द्वारा 13.06.2021 को सुबह 10 बजे तक आवेदक के उपयोग के लिए लैपटॉप कंप्यूटर और मोबाइल फोन दिया जाएगा।

    कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि,

    "आवेदक वचन देगा कि वह लैपटॉप कंप्यूटर या मोबाइल फोन या डोंगल/मोबाइल हॉटस्पॉट डिवाइस का उपयोग अध्ययन, तैयारी और उक्त परीक्षाओं के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं करेगा। इसके साथ ही आवेदक अपने परिवार और/या वकील को व्यक्तिगत रूप से प्रतिदिन कुल 10 मिनट कॉल पर बात कर सकता है, लेकिन वह किसी तीसरे पक्ष के साथ बात नहीं कर सकता और न ही कॉन्फ़्रेंस कॉल कर सकता है।"

    पीठ आदेश में कहा कि,

    "आवेदक उक्त अवधि की समाप्ति पर एसएचओ, पीएस: स्पेशल सेल को फोरेंसिक ऑडिट के लिए लैपटॉप कंप्यूटर और मोबाइल फोन सौंप देगा। उनकी ओर से, एसएचओ, पीएस स्पेशल सेल इस बात से सहमत हैं कि आवेदक के हाथ - लैपटॉप कंप्यूटर और मोबाइल फोन पर, जैसा कि ऊपर कहा गया है, एसएचओ आवेदक को संपूर्ण ब्राउज़िंग हिस्ट्री / लैपटॉप कंप्यूटर पर कुकीज़ और मोबाइल फोन पर एसएमएस और कॉल रिकॉर्ड की एक प्रति आवेदक के वकील के माध्यम से प्रदान करेगा और किसी भी स्थिति में डिवाइस प्राप्त करने के तीन सप्ताह के भीतर फोरेंसिक ऑडिट पूरा करके और लैपटॉप कंप्यूटर और मोबाइल फोन जल्द से जल्द वकील को लौटा दिया जाए।"

    शीर्षक: आसिफ इकबाल तन्हा बनाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली राज्य

    आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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