Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य सुर्खियां

किराएदारों का बकाया किराया माफ़ करने और मकान मालिकों को मुआवज़ा देने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट करेगा सुनवाई

LiveLaw News Network
15 Jun 2020 1:46 PM GMT
किराएदारों का बकाया किराया माफ़ करने और मकान मालिकों को मुआवज़ा देने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट करेगा सुनवाई
x

दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर लॉकडाउन के कारण मुश्किल में फंसे किराएदारों के बकाया किराए को माफ़ करने के लिए याचिका दायर की गई है।

गौरव जैन ने यह याचिका दायर की है, जिसमें किराएदारों के बकाया किराए को माफ़ करने और ऐसा करने वाले मकान मालिकों को मुआवजे का तुरंत भुगतान किए जाने का आदेश देने की मांग की गई है।

याचिककर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि ऐसे लोग जो ज़्यादा संपन्न नहीं हैं जैसे कि नौकरानी, रसोइये, श्रमिक, फ़ैक्ट्री में काम करने वाले, ई-रिक्शा चलाने वाले ड्राइवर, साइकिल रिक्शा चलाने वाले, गलियों में सामान बेचने वाले, दुकानों में काम करने वाले, ऑफ़िस में काम करने वाले लड़के, गार्ड्स, वेटर्स, नाई आदि COVID 19 संक्रमण के कारण आजीविका का नुक़सान झेल रहे हैं जिसकी वजह इस संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कतिपय क़दम हैं।

याचिका मेंं कहा गया है कि

"ये किरायेदार जिनकी लॉकडाउन के कारण आजीविका चली गई है, पर बकाया किराया नहीं देने के कारण घर से निकाले जाने का ख़तरा मंडरा रहा है….और अगर वे किराया चुकाते हैं तो उन्हें भूखों मरने की नौबत आ जाएगी क्योंकि उनके पास फिर खाने पर खर्च करने के लिए कुछ नहीं बचेगा। यह अमानवीय और असंवैधानिक है कि किसी को मकान से निकाले जाने, भीख माँगने या मौत का ही विकल्प छोड़ा जाए।"

याचिका में कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति को इस वजह से उसके किराए के मकान से निकाला जाता है, जिस पर उसका कोई नियंत्रण नहीं है तो इससे संविधान के अनुच्छेद 19(1) और 21 के तहत उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है।

याचिककर्ता ने यह भी कहा है कि गृह सचिव का एक आदेश और मुख्य सचिव के दो आदेश हैं जिसमें मकान मालिकों से किराया नहीं लेने को कहा गया है।


याचिका मेंं कहा गया है कि

"…29/03/20 को जो आदेश दिया गया है उसमें यह नहीं कहा गया है कि कितनी अवधि तक के लिए मकान मालिक किरायेदार से किराया नहीं वसूलेंगे। अगर एक महीना का किराया एक बार फिर नहीं वसूला गया तो इसका मतलब यह हुआ कि किराया माफ़ हो गया है। यह अर्थ निकालना कि मकान मालिक आदेश जारी होने के एक महीना के बाद किराया मांग सकते हैं, बेतुका है क्योंकि इससे आदेश का उद्देश्य पूरा नहीं होता।"

याचिकाकर्ता का कहना है कि इस स्थिति को तभी रोका जा सकता है यदि सरकार इसको रोकने के लिए क़दम उठाए।

Next Story