Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य सुर्खियां

ड्रग्स एंड कॉज़्मेटिक ऐक्ट के तहत दोषपूर्ण पीपीई किट्स बनाने वाली कंपनियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग संबंधी याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने ख़ारिज की

LiveLaw News Network
24 Jun 2020 2:30 AM GMT
ड्रग्स एंड कॉज़्मेटिक ऐक्ट के तहत दोषपूर्ण पीपीई किट्स बनाने वाली कंपनियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग संबंधी याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने ख़ारिज की
x

दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषपूर्ण पीपीई किट्स बनने वाली कंपनी के ख़िलाफ़ याचिका पर कोई राहत देने से इनकार कर दिया।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीएन पटेल एवं न्यायमूर्ति प्रतीक जलान की खंडपीठ ने कहा कि पीपीई किट्स की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए पर्याप्त दिशानिर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं।

अदालत ने कहा,

"पीपीई किट्स कैसा होगा इसके बारे में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और कपड़ा मंत्रालय के दिशानिर्देश पहले ही जारी हो चुके हैं। इसलिए अदालत को इसमें हस्तक्षेप करने की ज़रूरत नहीं है।"

अदालत ने आगे कहा,

"यह ध्यान में रखा जाना है कि अगर कोई याचिकाकर्ता इन दिशानिर्देशों के उल्लंघन का आरोप लगाता है तो इस उल्लंघनकर्ता को याचिका में पक्षकार बनाना चाहिए, ताकि उसे नोटिस जारी किया जा सके और कार्रवाई की जा सके। जब भी जैसे ही इस तरह का कोई मामला उपयुक्त मंच पर दायर किया जाता है तो पहले से लागू क़ानून और नीति के तहत उस पर फ़ैसला किया जाएगा।"

इस तरह, अदालत ने याचिकाकर्ता को अपना मामला उपयुक्त मंच के समक्ष रखने को कहा।

यह याचिका एडवोकेट अमित जैन ने दायर की थी, जिसमें उन्होंने अदालत से स्वास्थ्य मंत्रालय को COVID-19 किट्स की आड़ में दोषपूर्ण पीपीई किट्स बनाने वाली कंपनियों के ख़िलाफ़ ड्रग्स एंड कॉज़्मेटिक्स ऐक्ट, 1940 के तहत कार्रवाई करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।

याचिकाकर्ता ने यह भी मांग की थी कि ड्रग्स एंड कॉज़्मेटिक्स ऐक्ट, 1940 के तहत पीपीई किट्स के आयात, उत्पादन और बिक्री और प्रसार का विनियमन किया जाए।

याचिका में कहा गया था कि पीपीई किट्स की मांग में आई तेज़ी की वजह से घटिया गुणवत्ता की पीपीई किट्स का निर्माण होने लगा है जिसकी वजह से स्वास्थ्य क्षेत्र के फ़्रंटलाइन वर्कर्स को गंभीर ख़तरा पैदा हो गया है जो कोरोना वयारस से लड़ रहे हैं।

याचिका के अनुसार,

"कपड़ा मंत्रालय ने स्थानीय निर्माताओं द्वारा दोषपूर्ण पीपीई किट्स का संज्ञान लिया और इस पर रोक लगाने के लिए उसने अधिकृत लैब्ज़ के लिए निर्देश जारी किए और अतिरिक्त शर्तें और काग़ज़ी कार्रवाई की अनुशंसा की।"

याचिकाकर्ता ने कहा कि कपड़ा मंत्रालय के इस दिशानिर्देश में इसके उल्लंघन पर पीपीई निर्माताओं के ख़िलाफ़ कोई दंडात्मक प्रावधान नहीं किया गया है।

Next Story