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COVID 19 : तमिलनाडु पुलिस के महानिदेशक ने आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए जारी किये ताज़ा दिशानिर्देश

LiveLaw News Network
25 Jun 2020 4:05 PM GMT
COVID 19 : तमिलनाडु पुलिस के महानिदेशक ने आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए जारी किये ताज़ा दिशानिर्देश
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पुलिस ज़्यादती के कारण थूतुकुड़ी ज़िला में पिता-पुत्र की हिरासत में मौत के बाद तमिलनाडु पुलिस के महानिदेशक ने आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए ताज़ा दिशानिर्देश जारी किए हैं।

इस दिशानिर्देश का एक उद्देश्य पुलिस विभाग में कोरोना वायरस को फैलने से रोकना है, क्योंकि इस बात का पता चला है कि ऐसे कई लोग जिनकी गिरफ़्तारी हुई, वे जांच में कोरोना पॉज़िटिव पाए गए जिसकी वजह से इनके संपर्क में आए सभी लोगों को क्वारंटीन में जाना पड़ा।

यह कहा गया है कि जब किसी की गिरफ़्तारी होती है, आरोपी को तुरंत ही ज़मानत पर छोड़ दिया जाए और पुलिसवाले उनके न्यूनतम संपर्क में आएं।

अगर कोई अपराध ऐसा है जिसमें ज़मानत नहीं दी जा सकती, तो उस स्थिति में न्यूनतम संख्या में पुलिसवाले गिरफ़्तारी में शामिल हों और वे पीपीई पहनने जैसे एहतियात बरतें।

पुलिसवाले गिरफ़्तार किए गए आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश करेंगे।

निर्देश इस तरह से हैं –

· सीओपी/एसपी और एसीपी/डीएसपी हर उपखंड में उचित सुविधाओं से लैस डिटेंशन सह पेशी केंद्र की तलाश करेंगे। अगर इस तरह का कोई भवन उपलब्ध नहीं है तो एसीपी/डीएसपी का कार्यालय का इसके लिए प्रयोग हो सकता है और एसीपी/डीएसपी निकट के थाने से अस्थाई तौर पर काम कर सकते हैं, जिन आरोपियों को ग़ैर-ज़मानती अपराध में गिरफ़्तार किया गया है, उन्हें इन डिटेंशन केंद्रों पर अदालत में पेशी से पहले लाया जाएगा न कि पुलिस थाने में।

· इन केंद्रों पर एक जीडी तैयार किया जाएगा और एक इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी की नियुक्ति यहां की जाएगी।

· पुलिस दल (जिसमें पुलिस वालों की संख्या न्यूनतम होगी) आरोपी को गिरफ़्तारी के बाद COVID 19 सहित अन्य जांच के बाद इस स्थान पर लाएंगे।

· दस्तावेजीकरण की औपचारिकताएं डिटेंशन केंद्रों में पूरी की जाएंगी। राज्य के पुलिस विभाग और सभी उप अदालतों को बताया जा चुका है कि आरोपी को पहली बार गिरफ़्तारी के बाद वीडियो कंफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश किया जाएगा। एसीपी/डीएसपी और सीओपी/एसपी इस बारे में ज़रूरी व्यवस्था करेंगे।

· अगर किसी आरोपी को संबंधित मजिस्ट्रेट न्यायिक हिरासत में भेजता है तो आरोपी व्यक्ति को पूर्व निर्धारित जेल में ले ज़ाया जाएगा और यह पुलिस विभाग की ज़िम्मेदारी होगी कि वह जेल में ले जाने से पहले उसकी COVID 19 जांच कराए।

· अगर कोई व्यक्ति पॉज़िटिव पाया जाता है तो डिटेंशन सेंटर पर तैनात एसआई और इस व्यक्ति की गिरफ़्तारी में शरीक होने वाले सभी पुलिसवालों को क्वारंटीन किया जाएगा जो न्यूनतम दिनों के लिए होगा और एक बार जब यह होता है, इस केंद्र के लिए किसी नए इंस्पेक्टर की नियुक्ति की जाएगी।

· डिटेंशन सह पेशी केंद्र पर स्वच्छता के सभी नियमों का पालन होगा। इनको डिसिन्फ़ेक्ट किया जाएगा।

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