शादी समारोहों में मेहमानों की ऊपरी सीमा को कम करने पर विचार करें : पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र से इस बारे में प्रतिनिधित्व पर ग़ौर करने को कहा
LiveLaw News Network
26 Jun 2020 7:51 PM IST
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह शादी समारोहों में मेहमानों की संख्या की ऊपरी सीमा को 50 करने की याचिककर्ता के प्रतिनिधित्व पर विचार करे।
न्यायमूर्ति रवि शंकर और न्यायमूर्ति अरुण पल्ली की पीठ ने केंद्र सरकार, पंजाब और हरियाणा सरकार और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को इस बारे में नोटिस जारी कर कहा कि जब उनसे इस बारे में उचित अनुरोध किया जाता है तो वे इस पर विचार करें।
इस बारे में अपील वक़ील एचसी अरोड़ा ने दायर किया है। उन्होंने कहा है कि एमएचए के दिशानिर्देशों में जो यह कहा गया है कि शादी समारोहों में 50 की संख्या तक लोग शामिल हो सकते हैं, उससे COVID-19 के ख़िलाफ़ लड़ाई में अपनाए जानेवाले सुरक्षात्मक और रोकथाम के तरीक़ों के ख़िलाफ़ है।
उन्होंने याचिका में प्रतिवादी प्राधिकरणों को समारोहों और इसमें भाग लेनेवाले लोगों की संख्या को कम करने के लिए आदेश दिए जाने का आग्रह किया है।
सुनवाई के दौरान सरकार के वक़ील ने याचिककर्ता को आश्वासन दिया कि उनकी शिकायतों पर ग़ौर किया जाएगा और इस बारे में एक नयी नीति भी बनायी जा सकती है बशर्ते कि इस बारे में उचित माँग की जाए।
इसलिए अदालत ने इस याचिका को निपटाते हुए याचिकाकर्ता को प्रतिवेदन देने की आज़ादी दी और निर्देश दिया कि प्राधिकरण क़ानून के दायरे में इस पर निर्णय लें।
इसके बाद याचिकाकर्ता ने प्राधिकरणों के समक्ष दो सप्ताह के भीतर आवश्यक प्रतिवेदन पेश करने का संकेत दिया।
याचिककर्ता ने अपनी पैरवी खुद की। भारत सरकार की पैरवी एएसजीआई सत्य पाल जैन और स्थाई वक़ील धीरज जैन ने की जबकि पंकज जैन ने यूटी चंडीगढ़, वरिष्ठ उप महाधिवक्ता मोनिका छिब्बर ने पंजाब सरकार की और अतिरिक्त महाधिवक्ता दीपक बलयान ने हरियाणा सरकार की पैरवी की।
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