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लॉकडाउन के दौरान ज़रूरतमंद वकीलों की मदद के लिए एक पत्र याचिका पर कलकत्ता हाईकोर्ट करेगा सुनवाई

कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक पत्र याचिका पर सुनवाई करने का निर्णय किया है जिसमें पश्चिम बंगाल के बार काउंसिल को ज़रूरतमंद वकीलों की मदद करने के लिए अदालत को निर्देश देने को कहा गया है क्योंकि लॉकडाउन के कारण काम रुक गया है जिससे वकीलों की आजीविका प्रभावित हुई है। ऐसा पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है। इस पत्र को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर लिया गया है।
एचसीबीए के अनुसार, काउंसिल पंजीकृत वकीलों से जो चंदा लेता है उसका प्रयोग ज़रूरतमंद वकीलों पर करना चाहिए जो इस समय अभाव ग्रस्त हो गए हैं।
एडवोकेट अधिनियम 1961 के तहत बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया और राज्य बार काउंसिल वकीलों के कल्याण के लिए अपने कर्तव्यों से बंधे हैं। विशेषकर अधिनियम की धारा 6 में इस बारे में प्रावधान है।
कलकता कोर्ट ने महामारी को देखते हुए सिर्फ़ बहुत ही ज़रूरी मामलों की ही सुनवाई करने का निर्णय किया है। देश में लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है।
देश की कई अदालतों में वित्तीय रूप से ख़राब स्थिति वाले वकीलों की ओर ध्यान खींचा गया है। हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया, बार काउंसिल ऑफ़ उत्तर प्रदेश, यूपी विधि मंत्रालय, इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, इलाहाबाद हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन और अवध बार एसोसिएशन से ज़रूरतमंद और पंजीकृत वकीलों की मदद करने के लिए क्या किया गया है इस बारे में बताने को कहा है।
ओडिशा, कर्नाटक, दिल्ली और तमिलनाडु के राज्य बार काउंसिल ने ऐसे वकीलों को वित्तीय मदद देने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं।