बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस को बीजेपी सांसद सुजय विखे पाटिल के लाए गए रेमडेसिविर इंजेक्शन का पता लगाने का निर्देश दिया

LiveLaw News Network

30 April 2021 3:58 AM GMT

  • बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस को बीजेपी सांसद सुजय विखे पाटिल के लाए गए रेमडेसिविर इंजेक्शन का पता लगाने का निर्देश दिया

    बॉम्बे हाईकोर्ट (औरंगाबाद बेंच) ने गुरुवार को अहमदनगर जिला कलेक्टर द्वारा भाजपा सांसद डॉ.सुजय विखे पाटिल के कथित रूप से रेमडेसिविर इंजेक्शन की अनधिकृत खरीद और वितरण के संबंध में समर्थन के लिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कई सवाल खड़ा किए।

    पीठ अहमदनगर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा सांसद पाटिल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। दरअसल, याचिका में सांसद पाटिल के कथित रूप से रेमडेसिविर इंजेक्शन की अनधिकृत खरीद और वितरण के लिए एक चार्टर्ड उड़ान के माध्यम दिल्ली से शिरडी लाने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

    जस्टिस रवींद्र घुगे और जस्टिस बीयू देबद्वार की खंडपीठ ने कहा कि जिला कलेक्टर डॉ. रंजेंद्र घोसले के किसी भी जांच पर भरोसा नहीं है जब तक कि वे इसे साबित नहीं कर देते।

    अदालत के आदेश में कहा कि,

    "अहमदनगर के जिला कलेक्टर डॉ. रंजेंद्र घोसले के किसी भी जांच पर भरोसा नहीं है जब तक कि वे इसे साबित नहीं कर देते।"

    पीठ ने इसके बाद जिला पुलिस अधीक्षक अहमदनगर को निर्देश दिया कि वे शिरडी हवाई अड्डे पर सांसद द्वारा उतारे गए रेमडेसिविर इंजेक्शन वाले बक्से का पता लगाएं और 3 मई 2021 को इसका रिपोर्ट दें।

    अदालत ने महाराष्ट्र राज्य ( मुंबई) के गृह विभाग के प्रधान सचिव को भी निर्देश दिया कि निजी विमान / चार्टर्ड उड़ानों से जुड़ी विमान सेवाओं के बारे में और 10.04.2021 से 25.04.2021 तक शिरडी में उतरे चार्टर्ड उड़ानों का विवरणों दें। इसके साथ ही कोर्ट ने कलेक्टर को खुद को औचित्य देने की अनुमति दी और मामले को सोमवार के लिए स्थगित कर दिया।

    तलेकर एंड एसोसिएट्स के वकील प्रज्ञा तलेकर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुईं। उन्होंने 27 अप्रैल को दैनिक लोकसत्ता के एक प्रेस कटिंग को इंगित किया, जिसमें कलेक्टर ने डॉ. सुजय विखे पाटिल के साथ बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में सांसद के कार्यों को सही ठहराया।

    जिला कलेक्टर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विवादास्पद रेमडेसिविर की शीशियों को कानूनी रूप से खरीदा गया। उन्होंने कहा कि उन्होंने एक सिविल सर्जन को पुणे के मैन्युफैक्चर के साथ ऑर्डर को भेजने की अनुमति दी थी। सर्जन ने ऑर्डर भेज दिया और 7,56,000 रुपये और 1,14,14,4000 रुपये का भुगतान किया और डॉ. वीके पाटिल मेडिकल स्टोर ने सिविल सर्जन को भुगतान किया। यह एडवोकेट डीआर काले के माध्यम से अदालत को सूचित किया गया था।

    पीठ ने कहा कि इन 1700 रेमडेसिविर इंजेक्शन जो जिला कलेक्टर कहते हैं, कानूनी रूप से खरीदे गए हैं। क्या इसे दिल्ली से शिरडी तक चार्टर्ड विमान के माध्यम से नहीं लाया गया है।

    पीठ ने कहा कि,

    "मुद्दा यह है कि क्या यह कानूनी रूप से स्वीकृत प्रक्रिया है?"

    पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह दिखता है कि जिला कलेक्टर भी सुरक्षा प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं।

    बेंच ने कहा कि,

    "हालांकि हम एक अंतिम राय नहीं बना रहे हैं और प्रथम दृष्टया हम इस विचार पर हैं कि जिला कलेक्टर द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस को कथित तौर पर जिला कलेक्टर के परिसर में आयोजित किया गया था और रसीदें हमारे सामने रखी हैं। इसके साथ ही जिला कलेक्टर का कहना है कि ये इनजेक्शन दिल्ली से शिरडी नहीं लाया गया था बल्कि पुणे से लाया गया और डॉ. विखे पाटिल मेडिकल स्टोर को सौंप दिए गए।"

    बेंच ने आगे कहा कि यह सवाल है कि क्या बीजेपी सांसद डॉ. पाटिल इस स्थिति में थे कि वे चार्टर्ड विमान के माध्यम से रेमडेसिविर इंजेक्शन वाले बक्से दिल्ली से शिरडी लेकर आ सकते थे और ये बॉक्स कहां हैं?

    पीठ ने वीडियो में पाटिल के दावों की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया। पीठ ने कहा कि, "क्या, वीडियो रिकॉर्डिंग में सांसद पाटिल द्वारा अपनी हवाई यात्रा के दौरान और शिरडी हवाई अड्डे पर उतरने के दौरान अपलोड की गई तस्वीरों में इंजेक्शन वितरित करते दिखा रहे हैं क्या यह सत्य नहीं है और क्या इसमें औऱ जांच होनी चाहिए।"

    अदालत ने विशेष रूप से कार्गो के सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित करने के लिए कहा क्योंकि याचिकाकर्ता के आरोप के मुताबिक सांसद पाटिल अपने वीडियो रिकॉर्डिंग में बताते हैं कि वह शिरडी हवाई अड्डे पर चार्टर्ड विमान से उतरे और वहां ही रेमडेसिविर इंजेक्शन के बक्से उतारे हैं।

    कोर्ट ने कहा कि हम यह स्पष्ट करते हैं कि हम किसी भी सीसीटीवी फुटेज के खो जाने या चार्टर्ड / निजी विमान लैंडिंग के किसी भी विवरण के नहीं होने जैसे किसी भी बहाने को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

    कोर्ट के समक्ष कुछ रोगियों द्वारा सांसद पाटिल का बचाव करते हुए कोर्ट में आवेदन दायर किया गया है। इन रोगियों का कहना है कि सांसद पाटिल के द्वारा इस रेमडेसिविर इंजेक्शन देने से उनकी जान बची है। कोर्ट ने आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि उन्हें इस बारे में डिटेल्स में नहीं जाना है कि क्या मरीज अवैध लाभार्थी हैं और इससे संबंधित सवाल जांच प्राधिकारी से करें। जबकि यह याचिका दिल्ली से अहमदनगर तक सांसद द्वारा लाए गए 10000 रेमडेसिविर इंजेक्शन की अवैध खरीद, परिवहन और वितरण तक सीमित है।

    आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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