मेरठ की मौजूदा स्थिति से अवगत कराएँ', इलाहाबाद हाईकोर्ट ने COVID-19 से संबंधित याचिका पर राज्य को दिया निर्देश

LiveLaw News Network

29 May 2020 2:58 AM GMT

  • मेरठ की मौजूदा स्थिति से अवगत कराएँ, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने COVID-19 से संबंधित याचिका पर राज्य को दिया निर्देश

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरूवार (28-मई-2020) को उत्तर प्रदेश राज्य को निर्देश जारी करते हुए उनसे यह कहा है कि वह मेरठ जिले की मौजूदा स्थिति के बारे में अदालत को अवगत कराएँ।

    न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं रमेश सिन्हा की खंडपीठ पीठ ने यह निर्देश उस जनहित याचिका पर दिए जिसमे COVID-19 के प्रकोप के कारण जिला मेरठ में "चिंताजनक स्थिति" (Alarming situation) के बारे में कुछ मुद्दे उठाए गए हैं।

    दरअसल, इस जनहित याचिका के जरिये याचिकाकर्ता द्वारा अदालत के संज्ञान में यह लाया गया कि जिले में COVID -19 के प्रसार को रोकने के संबंध में पर्याप्त उपाय (Adequate measures) नहीं किए जा रहे हैं।

    पीठ ने याचिका का अवलोकन करने के पश्च्यात, राज्य के मुख्य स्टैंडिंग काउंसिल को मेरठ के जिला मजिस्ट्रेट से आवश्यक निर्देश प्राप्त करने का निर्देश दिया।

    अदालत ने राज्य को यह निर्देश दिए कि,

    "वर्तमान जनहित याचिका में किए गए दावों को ध्यान में रखते हुए, हम यह उचित समझते हैं कि राज्य के मुख्य स्टैंडिंग काउंसिल, जिला मजिस्ट्रेट, मेरठ से वर्तमान मामले में अगली तारीख तक आवश्यक निर्देश प्राप्त करें और जिला मेरठ में मौजूदा स्थिति के बारे में अदालत को अवगत कराएँ।"

    अदालत ने मामले को 9 जून, 2020 को उपयुक्त खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश भी दिया। इसके साथ ही अदालत द्वारा यह भी कहा गया कि, कार्यालय द्वारा इस आदेश के साथ इस जनहित याचिका की एक प्रति को ई-मेल के माध्यम से मुख्य स्टैंडिंग काउंसिल को भेजा जाएगा।

    अदालत ने व्यक्तिगत रूप से याचिकाकर्ता के लिए भी निर्देश जारी करते हुए कहा कि वो याचिका की प्रतिलिपि की, उसके साथ दाखिल अनुलग्नकों की, एवं इस आदेश की प्रति की आपूर्ति, अगले 24 घंटे के भीतर मुख्य स्टैंडिंग काउंसिल को करेंगे।

    इससे पहले, इलाहाबाद हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की एक खंडपीठ ने क्वारंटीन केंद्रों पर "दयनीय परिस्थितियों" को उजागर करते हुए हाईकोर्ट के अधिवक्ता गौरव के गौर द्वारा भेजे गए ई-मेल के आधार पर एक जनहित याचिका दर्ज की थी।

    इसके पश्च्यात, अदालत द्वारा 11-मई-2020 को यूपी सरकार से यह पूछा गया था कि आखिर COVID-19 से लड़ने के लिए इलाहाबाद शहर के अस्पताल कितने तैयार हैं

    इसी मामले में, सरकार से यह बताने को कहा गया था कि प्रयागराज शहर के न केवल प्राइवेट अस्पतालों की, बल्कि अन्य सरकारी अस्पतालों की क्या स्थिति है।

    आदेश की प्रति डाउनलोड करें



    Next Story