अधिवक्ता कल्याण योजना- समिति ने दिल्ली सरकार को फंड के 50 करोड़ रुपये का उपयोग करने के सुझाव पर रिपोर्ट सौंपी
LiveLaw News Network
15 Dec 2019 8:00 AM IST
मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना के तहत लागू की जाने वाली योजना का प्रस्ताव देने के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट दिल्ली सरकार को दे दी है।
इस समिति को दिल्ली सरकार द्वारा 29 नवंबर को स्थापित किया गया था और वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश कुमार खन्ना इसके संयोजक बनाए गए थे। समिति का कार्यक्षेत्र या काम एक योजना का प्रस्ताव बनाना था, जो सरकार द्वारा अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए अनुमोदित 50 करोड़ के वार्षिक बजट के उपयोग के संबंध में था या इस बजट का उपयोग कैसे किया जाए।
विभिन्न जीवन बीमा कंपनियों पर विचार करने और संपूर्ण विचार-विमर्श करने के बाद, समिति ने अधिवक्ताओं के लिए निम्नलिखित योजनाओं का प्रस्ताव दिया है-
ए- प्रैक्टिस या अभ्यास करने वाले अधिवक्ताओं के लिए समूह (टर्म) बीमा,जो हर वकील को 10,00,000 रुपये/-(दस लाख रुपए) का जीवन कवर प्रदान करें।
बी- अधिवक्ताओं, उनके पति या पत्नी और दो आश्रित बच्चों (25 साल की उम्र होने तक) के लिए ग्रुप मेडी-क्लेम कवरेज, एक परिवार फ्लोटर कवर राशि( पूरे परिवार के लिए कुल कवर राशि) के लिए 5,00,000 रुपये/- (पांच लाख रुपए)।
सी-सभी 6 जिला अदालतों में प्रिंटर के साथ-साथ ई-जर्नल्स और ई-जर्नल्स के वेब एडिशन ड़ाले हुए या लोड किए हुए 10 कंप्यूटरों वाली ई-लाइब्रेरी।
डी- सभी 6 जिला अदालतों में अधिवक्ताओं और कर्मचारियों के लिए क्रेच की सुविधा उपलब्ध कराना।
बीमा
समिति का प्रस्ताव है कि दिल्ली में प्रैक्टिस करने वाले प्रत्येक वकील को दस लाख रुपए का लाइफ टर्म इंश्योरेंस दिया जाना चाहिए। समिति ने प्रथम दृष्टया विचार व्यक्त किया है कि एलआईसी द्वारा दी जाने वाली दर काफी प्रतिस्पर्धी या उचित है और सरकार द्वारा स्वीकार की जा सकती है। उक्त योजना के संचालन के लिए नोडल एजेंसी दिल्ली सरकार का कानून मंत्रालय होगा और वह प्रीमियम की राशि पर खुद बातचीत या मोल-भाव कर सकता है, यदि ऐसा करने की इच्छा हो।
मेडी-क्लेम कवरेज
समिति ने सुझाव दिया है कि दिल्ली में पंजीकृत प्रत्येक प्रैक्टिस या अभ्यास करने वाले अधिवक्ता को बीमा कंपनी के माध्यम से समूह चिकित्सा कवरेज प्रदान करके चिकित्सा कवरेज सुविधा प्रदान की जानी चाहिए।
ई-लाइब्रेरी
समिति को बताया गया था कि जिला अदालतों के वकीलों को डिजिटलीकरण की कमी के कारण कानूनी अनुसंधान करने में मुश्किल हो रही थी। इसलिए, समिति द्वारा सभी जिला अदालतों को प्रिंटर के साथ 10-10 कंप्यूटर प्रदान करने की सिफारिश की गई है। इन कंप्यूटर में ई-जर्नल्स, उनके वेब संस्करण जिनमें एससीसी ऑनलाइन, ऑल इंडिया रिपोर्टर, मनुपात्रा, दिल्ली लॉ टाइम्स आदि लोड किए गए हो।
महिला वकीलों की विशेष जरूरतों को पूरा करने के लिए, समिति ने यह भी सिफारिश की है कि दिल्ली सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम से अनुरोध कर सकती है कि वह सभी 6 जिला अदालतों में क्रेच की सुविधा प्रदान करे और एलआईसी के सहयोग से इसे चलाए।
यह भी स्पष्ट किया गया है कि दिल्ली में सभी प्रैक्टिसिंग एडवोकेट जो बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के सत्यापित रोल पर हैं, अर्थात् 40,115 और जो दिल्ली में किसी भी बार एसोसिएशन के मतदाता सूची में हैं, योजना के लाभार्थी होंगे।
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