बैंक कर्मचारी नहीं है जज बनने के योग्य- गुजरात हाईकोर्ट [निर्णय पढ़े ]

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5 May 2019 7:50 AM GMT

  • बैंक कर्मचारी नहीं है जज बनने के योग्य- गुजरात हाईकोर्ट [निर्णय पढ़े ]

    गुजरात हाईकोर्ट ने पिछले दिनों ही एक बैंकर के वाद या तर्क को खारिज कर दिया है जो एक न्यायिक अधिकारी बनना चाहता था।

    अविनाश देत्ता ने वर्ष 2012 में गुजरात नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी से लाॅ की डिग्री की थी। जिसके बाद उसने कुछ समय के लिए बतौर वकील प्रैक्टिस भी की। उसके बाद उसने बैंक में बतौर डिप्टी मैनेजर (लाॅ) के नौकरी शुरू कर दी।
    सिविल जज बनने के लिए योग्यता की शर्त यह है कि उम्मीदवार सिविल या आपराधिक कोर्ट में या वैकल्पिक तौर पर बतौर वकील प्रैक्टिस करता हो। इतना ही नहीं अर्जी देने की अंतिम तिथि के दिन तक उम्मीदवार कोर्ट में काम करता होना चाहिए या इससे समवर्गी विभाग में। उसने आॅन लाइन जो अर्जी दी थी,उसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया िकवह भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने के लिए उपयुक्त नहीं है।
    हाईकोर्ट के समक्ष उसने दलील दी कि वह बैंक में बतौर डिप्टी मैनेजर (लाॅ) काम करता है। इसलिए उसे समवर्गी विभाग मानते हुए उसे इस नौकरी के योग्य माना जाना चाहिए।
    हालांकि जस्टिस एन.वी अंजारिया ने देत्ता के वकील की तरफ से दी गई दलीलों के प्रति असहमति जताई। जज ने ''कोर्ट व अन्य समवर्गी विभाग''विषय की व्याख्या देते हुए कहा कि-
    ''विषय कोर्ट है और उसका उद्देश्य है कि एक जज का चयन किया जाए और उसे कोर्ट में नियुक्त किया जाए। जब किसी उम्मीदवार को चयन किया जाता है तो उसके बाद वह न्यायिक अधिकारी के तौर पर कोर्ट में काम करेगा और कोर्ट की कार्यवाही संचालित करेगा।लोकतांत्रिक ढ़ाचे में जितनी भी संस्था है,उनमें कोर्ट संस्था की अपनी एक पहचान व महत्व है। कोर्ट सभी स्तर पर अपने विशेष कार्य व सांस्कृतिक विशेषताओं के कारण अपना एक अलग दर्जा स्थापित करती है।''
    कोर्ट ने कहा कि देत्ता एक बैंक कर्मचारी है। इसलिए उसे नियमों की परिभाषा के तहत किसी ''समवर्गी विभाग'' में कार्यरत कर्मचारी की तरह नहीं माना जा सकता है। कोर्ट ने आगे कहा कि-
    ''जब 'कोर्ट' शब्द के विषय में 'समवर्गी विभाग' के अभिप्राय को देखा जाता है तो इसे किसी भी और विविध विभाग के मामले में लागू नहीं किया जा सकता है या प्रयोग में नहीं लाया जा सकता है। 'समवर्गी विभाग' निश्चित तौर पर कोर्ट की अवधारणा का संदर्भ या संकेत होना चाहिए। निर्देशिका नंबर 10(7) में इस अनुसार श्रेणियों का उल्लेख किया गया है। जिसमें बैंक को शामिल नहीं किया गया है जबकि याचिकाकर्ता बैंक की विधि शाखा में बतौर डिप्टी मैनेजर काम करता है। इसलिए याचिकाकर्ता को नियमों के नियम 7(2) (बी) के तहत 'समवर्गी विभाग' में कार्यरत कर्मचारी की तरह नहीं माना जा सकता है।

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