हाईकोर्ट को केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) से आपराधिक अवमानना के संदर्भ पर ग़ौर करने का अधिकार नहीं है : दिल्ली हाईकोर्ट [निर्णय पढ़े]
Live Law Hindi
6 Jun 2019 3:07 PM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि अदालत अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 15(2) के तहत केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) के संदर्भ में अवमानना पर लागू नहीं होती है।
कैट ने आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के वक़ील एडवोकेट महमूद प्राचा को एक कारण बताओ नोटिस से जुड़ा मामला अग्रसारित किया था।
न्यायमूर्ति मनमोहन और संगीत ढींगरा सहगल ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 323 A (2)(b) के अनुसार इस अनुच्छेद की उप-उपबन्ध (1) के तहत गठित कैट को अपनी अवमानना करने वाले को ख़ुद दोषी ठहराने का अधिकार होगा अगर उक्त प्रावधान के तहत उसे इसका अधिकार दिया गया है। टी सुधाकर प्रसाद बनाम एपी सरकार के मामले में आए फैसले का ज़िक्र करते हुए पीठ ने कहा,
"…इस अदालत का मानना है कि उसे कैट से अग्रसारित किए गए आपराधिक अवमानना की मामले पर फ़ैसला सुनाने का अधिकार नहीं है विशेषकर टी सुधाकर प्रसाद बनाम एपी राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आ जाने के बाद। अदालत का यह भी मानना है कि अदालत अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 15(2) कैट की अवमानना पर लागू नहीं होता।"
धारा 15(2) में कहा गया है कि किसी अधीनस्थ अदालत की आपराधिक अवमानना अगर होती है तो हाईकोर्ट उसके ख़िलाफ़ मामले की सुनवाई कर सकती है अगर अधीनस्थ अदालत ने इसे उसके पास संदर्भ के लिए भेजा है।
इसके बाद पीठ ने इस मामले को कैट को वापस भेज दिया यह कहते हुए कि उसे कैट अधिनिय, 1985 की धारा 17 के तहत आपराधिक मामले को सुनने का अधिकार है।