Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य सुर्खियां

क्या एनआई एक्ट की धारा 143ए को पिछले प्रभाव से लागू किया जा सकता है?सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस [आर्डर पढ़े]

Live Law Hindi
20 April 2019 5:12 AM GMT
क्या एनआई एक्ट की धारा 143ए को पिछले प्रभाव से लागू किया जा सकता है?सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस [आर्डर पढ़े]
x

सुप्रीम कोर्ट ने उस विशेष लीव पैटिशन (एसएलपी) पर नोटिस जारी किया है,जिसमें पूछा गया है कि क्या निगोशिएबल इंस्ट्रुमेंट एक्ट (एनआई एक्ट) को पिछले प्रभाव से लागू किया जा सकता है या नहीं?

पिछले साल संशोधन के बाद जिन प्रावधन लागू किया गया था,उनके अनुसार निचली अदालत को यह अधिकार दे दिया गया है कि वह आरोपी को निर्देश दे सकती है कि वह अंतरिम मुआवजा दे,जो कि चेक की राशि का बीस प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकता है। अंतरिम मुआवजे की यह राशि आदेश देने के साठ दिन के अंदर देनी होगी। सीआरपीसी की धारा 421 के तहत जिस तरह जुर्माने की राशि को रिकवर किया जाता है,उसी तरह इस राशि को भी वसूला जा सकता है। इस प्रावधान में यह भी कहा गया है कि अगर चेक बाउंस के मामले में आरोपी बरी हो जाता है तो शिकायतकर्ता को अंतरिम मुआवजे के तौर पर प्राप्त राशि वापिस देनी होगी,जिस पर आरबीआई द्वारा तय बैंक ब्याज की दर से ब्याज भी देना होगा।

इस मामले में इग्मोर,चेन्नई स्थित फास्ट ट्रक कोर्ट-दो के महानगर दंडाधिकारी ने आरोपी को निर्देश दिया था कि वह चेक की राशि का बीस प्रतिशत राशि अंतरिम मुआवजे के तौर पर दे। पिछली अवधि से प्रावधान को लागू करने के मुद्दे पर हाईकोर्ट में नहीं देखा गया और हाईकोर्ट ने दंडाधिकारी के आदेश को सही ठहरा दिया।

इस आदेश के खिलाफ दायर एसएलपी जस्टिस उदय उमेश ललित व जस्टिस इंदू मल्होत्रा की कोर्ट में सुनवाई के लिए आई। मामले की सुनवाई अब एक माह बाद होगी।

पीठ ने कहा कि-अंतरिम मापदंड के तौर पर हम याचिकाकर्ता के निर्देश देते है कि वह राशि को जमा करा दे,जो कि इग्मोर,चेन्नई स्थित फास्ट ट्रक कोर्ट-दो के महानगर दंडाधिकारी की कोर्ट में आए चेक सीसी नंबर 7171/2018 की राशि का 15 प्रतिशत हो। यह राशि इस कोर्ट के आदेश के तीन सप्ताह के अंदर जमा करा दी जाए। राशि जमा होने के बाद कोर्ट उस पैसे को तीन माह के फिक्सड डिॅपाजिट में लगा दे,जिसमें समय-समय पर रिन्यू की सुविधा हो। कोर्ट के अगले आदेश तक उस पैसे को किसी अन्य तरह से निवेश न किया जाए।

पिछले दिनों ही पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने माना है कि एनआई एक्ट की धारा 143ए को पिछले प्रभाव से लागू नहीं किया जा सकता है जबकि धारा 148 के प्रावधान उन लंबित अपीलों पर लागू होंगे जिस दिन इसके प्रावधान को लागू करने की अधिसूचना जारी की गई है।


Next Story