प्रवासी अनुसूचित जनजाति को केंद्र शासित प्रदेश दादर और नगर हवेली में आरक्षण का लाभ मिल सकता है : सुप्रीम कोर्ट [निर्णय पढ़े]

Live Law Hindi

12 May 2019 11:50 AM GMT

  • प्रवासी अनुसूचित जनजाति को केंद्र शासित प्रदेश दादर और नगर हवेली में आरक्षण का लाभ मिल सकता है : सुप्रीम कोर्ट [निर्णय पढ़े]

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रवासी अनुसूचित जनजाति के लोगों को दादरा एवं नगर हवेली में आरक्षण का लाभ मिल सकता है।

    न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और एमआर शाह की पीठ ने केंद्र शासित प्रदेश की इस दलील को ख़ारिज कर दिया कि केंद्र शासित प्रदेश में आरक्षण का लाभ उन्हें ही मिल सकता है जो स्थानीय निवासी हैं। कोर्ट ने कहा कि इसका मतलब तो यह हुआ कि यहाँ पर आने वाले अनुसूचित जनजाति के प्रवासी लोगों को आरक्षण नहीं मिल सकता है।

    पीठ ने कहा कि दादरा एवं नगर हवेली के लिए जारी राष्ट्रपति की अधिसूचना के तहत उसमें जिन अनुसूचित जातियों का ज़िक्र किया गया है उनको भी वहाँ का निवासी होने की वजह से लाभ मिलेगा न कि वहाँ के मूल निवासी (पैदाइश) होने की वजह से। कार्यपालिका के आदेश पर राष्ट्रपति की अधिसूचना में "निवासी" शब्द के बदले "पैदाइश" डाल देना राष्ट्रपति की अधिसूचना को बदलने जैसा है और इसकी इजाज़त नहीं है।

    कोर्ट ने कहा,

    "अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का कोई व्यक्ति जो राष्ट्रपति द्वारा अधिसूचित है, आरक्षित उम्मीदवार होने की पात्रता रखता है बशर्ते कि वह उस केंद्र शासित प्रदेश का रहनेवाला है।"

    केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों ने अनुसूचित जनजाति के एक व्यक्ति की सहायक मोटर वाहन निरीक्षक के रूप में नियुक्ति को यह कहते हुए रोक दिया कि वह एक प्रवासी है और यहाँ का स्थानीय निवासी नहीं। हाईकोर्ट ने इस व्यक्ति के पक्ष में फ़ैसला दिया जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया और कहा,

    "अपीलकर्ता ने हाईकोर्ट के समक्ष जो मुख्य मुद्दा उठाया था वह यह था कि उस व्यक्ति को इस केंद्र शासित प्रदेश का स्थानीय निवासी होना चाहिए जिसका अर्थ यह हुआ कि यहाँ आने वाले प्रवासी अनुसूचित जनजाति को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। राष्ट्रपति ने दादरा एवं नगर हवेली के लिए जो अधिसूचना जारी की है उसमें कहा गया है कि उसमें जिन अनुसूचित जनजातियों का नाम दर्ज है उन्हें आरक्षण का लाभ वहाँ के निवासी होने के आधार पर मिलेगा न कि मूलतः वहाँ के होने के कारण…अपीलकर्ता के वक़ील ने जो दलील दी है कि दादरा एवं नगर हवेली में प्रवासी अनुसूचित जनजाति के लोगों को यहाँ पर आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा उसमें हमें कोई दम नज़र नहीं आता।"


    Tags
    Next Story