निजी ट्यूशन कलास लेने वाले शिक्षकों के खिलाफ की जाए कार्यवाही,मद्रास हाईकोर्ट ने दिया सरकार का आदेश [आर्डर पढ़े]
Live Law Hindi
12 April 2019 3:24 PM IST
मद्रास हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि सरकारी स्कूल के शिक्षकों व सरकार से वेतन लेने वाले उन शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही की जाए जो पैसों के लिए या अपने वित्तिय लाभ के लिए ट्यूशन पढ़ाते है या निजी कक्षाएं लेते है।
जस्टिस एस.एम सुब्रामण्यिम ने कहा कि तमिलनाडू सरकार कर्मचारी बर्ताव नियमों के अनुसार एक शिक्षक द्वारा ट्यूशन पढ़ाने या कोई अन्य बिजनेस करना दुराचार माना गया है। इस मामले में एक शिक्षक ने अपने तबादले के आदेश को चुनौती दी थी। उसी मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि-यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह शिक्षक छात्रों से उनके घर आकर या उन जगहों पर जाकर क्लास लेने की बात कहते है,जहां ये अपने फायदे के लिए पढ़ा रहे हैं। स्कूल का समय पूरा होने के बाद छात्रों को जबरन इन ट्यूशन कक्षाओं में जाना पड़ता है। स्कूल का समय पूरा होने के बाद ट्यूशन पढ़ाना भी दुराचार ही हैं। सरकारी कर्मचारी को अपनी ड्यूटी के प्रति निष्ठा दिखानी चाहिए। एक शिक्षक के काम को सबसे श्रेष्ठ माना गया है। इसलिए एक शिक्षक चाहे वह स्कूल में हो या स्कूल से बाहर,उसने अपनी ईमानदारी,साफ-सुथरा जीवन व पवित्रता बनाए रखनी चाहिए। इसके विपरीत यह शिक्षक व्यापार व बिजनेस कर रहे है और ट्यूशन पढ़ा रहे है। इन अवैध गतिविधियों को चेक करने व इनके खिलाफ कार्यवाही करने के लिए कोई उपयुक्त सिस्टम नहीं है। जिन उच्च अधिकारियों को इस बारे में पता होता है,वो भी मूकदर्शक बने रहते है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि पूरे राज्य में शिक्षकों द्वारा की जाने वाली ऐसी गतिविधियों की निगरानी होनी चाहिए और उनके खिलाफ उपयुक्त कार्यवाही की जानी चाहिए। सरकार व आम जनता को धमकाने के चलते सरकारी परीक्षाओं के दौरान प्रदर्शन या धरना करने वाले शिक्षकों के मामलों को भी गंभीरता से लेना चाहिए और संबंधित अधिकारियों द्वारा उचित कार्यवाही की जानी चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि पहले प्रतिवादी को निर्देश दिया जाता है िक वह सभी स्कूल,शैक्षणिक संस्थानों को एक सर्कुलर जारी करके निर्देश दे कि कोई भी शिक्षक या सरकारी कर्मी किसी भी तरह का बिजनेस न करे और न ही कोई ट्यूशन पढ़ाऐगा। भले ही ऐसी कक्षाएं स्कूल का समय पूरा होने या छुट्टी वाले दिन ली जाती हो। ऐसे काम तमिलनाडू सरकार कर्मचारी बर्ताव नियमों के अनुसार यह दुराचार या दुव्र्यवहार माना जाएगा। इसलिए ऐसा करने वाले के खिलाफनयमों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
जज ने राज्य को यह भी निर्देश दिया है िकवह टोल फ्री नंबर उपलब्ध कराए ताकि छात्र,परिजन या आम जनता का कोई भी व्यक्ति अनुशासनहीनता के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज करवा पाए। यह शिकायतें अवैध गतिविधियों,अनियमितताओं व यौन शोषण आदि से संबंधित हो सकती है। वहीं इस नंबर का उपयोग किसी शिक्षक या शिक्षा विभाग के अधिकारी द्वारा बिजनेस करने या ट्यूशन कक्षाएं आदि लेने के मामले में शिकायतें प्राप्त करने के लिए भी किया जाए।