Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य सुर्खियां

अपने सहकर्मी की नाबालिग़ बेटी से यौन संबंध बनाने वाले वायु सेना के अधिकारी की बर्ख़ास्तगी को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया [आर्डर पढ़े]

Live Law Hindi
24 Feb 2019 5:39 PM GMT
अपने सहकर्मी की नाबालिग़ बेटी से यौन संबंध बनाने वाले वायु सेना के अधिकारी की बर्ख़ास्तगी को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया [आर्डर पढ़े]
x

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय वायु सेना के एक फ़्लाइट लेफ़्टिनेंट की बर्ख़ास्तगी को सही ठहराया है। इस अधिकारी पर अपने एक सहकर्मी की नाबालिग़ बेटी के साथ यौन संबंध बनाने का आरोप है।

सहकर्मी की शिकायत पर जाँच बैठाई गई और इसकी रिपोर्ट में यह कहा गया कि नाबालिग़ पीडिता की स्थिति को देखते हुए आम कोर्ट मार्शल व्यावहारिक नहीं होगा।

इसके बदले, जाँच रिपोर्ट की अनुशंसा के आधार पर वायु सेना प्रमुख ने अपनी राय दी कि इस अधिकारी को स्थाई तौर पर रिटायर कर दिया जाए। केंद्र सरकार ने वायु सेना प्रमुख की अनुशंसा और इस बारे में सभी संगत मामलों पर ग़ौर करते हुए निष्कर्ष रूप में कहा कि केस जिस तरह का है उसके हिसाब से इस अधिकारी को सेवा से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। यह बात 21 सितंबर 1993 की है।

यह मामला जो उस समय शुरू हुआ, अब जाकर अंतिम रूप से सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ के पास सुनवाई के लिए आया है। पीठ से कहा गया कि केंद्र सरकार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए था कि वायु सेना प्रमुख ने इस अधिकारी को स्थाई तौर पर रिटायर करने की अनुशंसा की थी। पीठ ने वायु सेना नियम 1969 के उप नियम 7 और 8 का ज़िक्र करते हुए कहा,

"इस बात में संदेह नहीं है कि केंद्र सरकार ने याचिकाकर्ता के ख़िलाफ़ अंतिम रूप से कार्रवाई करने से पहले वायु सेना प्रमुख की अनुशंसाओं पर ग़ौर किया था। वायु सेना प्रमुख की अनुशंसा केंद्र सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं है और केंद्र सरकार ने जो निर्णय लिया वह पूरी तरह उसके अधिकार क्षेत्र में आता है। केंद्र सरकार ने जो कार्रवाई कि है वह ना तो ग़ैरक़ानूनी है और ना ही मनमाना," कोर्ट ने कहा।

इसके साथ ही पीठ ने इस बारे में विशेष अनुमति याचिका को यह कहते हुए ख़ारिज कर दिया कि इसमें कोई दम नहीं है।


Next Story