सुधार की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है- एमपी हाईकोर्ट ने बेटी से दुष्कर्म व हत्या करने के मामले में फांसी की सजा पाए आरोपी को दी राहत [निर्णय पढ़े]
Live Law Hindi
18 Jun 2019 11:17 AM IST
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अपनी की छह साल की बेटी से दुष्कर्म करने व उसकी हत्या करने के मामले में फांसी की सजा पाए आरोपी को राहत देते हुए उसकी सजा को बदल दिया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार अफजल खान ने अपनी की बेटी से दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी। इतना ही नहीं उसने अपने घर के उपरी तल पर एक दुप्पटे की सहायता से बेटी को पंखे पर लटका दिया था। डीएनए रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी के डीएनए का मिलान बच्ची के योनि से मिले डीएनए प्रोफाइल से हो गया था। निचली अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उसे फांसी की सजा दी थी।
हाईकोर्ट की पीठ के जस्टिस जे.के महेश्वरी व जस्टिस अंजुलि पाॅलो ने आरोपी को दोषी ठहराए जाने को ठीक पाया परंतु निम्नलिखित तथ्यों को आरोपी की सजा कम करने के तौर पर आंका गया या आरोपी की सजा कम करने के पक्ष में पाया।
- यह पूरा मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित है।
- कोई ऐसा सबूत पेश नहीं किया गया,जिससे यह कहा जा सके कि आरोपी की इस तरह के अपराध करने की प्रवृत्ति रहेगी,जिससे समाज को लगातार खतरा बना रहेगा।
- इस संबंध में कोई सबूत पेश नहीं किया गया,जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि आरोपी में सुधार की संभावना नहीं है या उसका पुनर्वास नहीं हो सकता है।
- अन्य सजा के विकल्प निश्चित रूप से बंद कर दिए गए है।
- आरोपी कोई प्रोफेशनल या पेशेवर किलर या अपराधी नहीं है,न ही उसका कोई आपराधिक रिकार्ड है।
- आरोपी का परिवार है,इसलिए उसके पुनर्वास की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
हालांकि पीठ ने इस बात पर सहमति जताई कि यह बेहद दुष्ट,जघन्य व क्रूर कृत्य था। पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का भी हवाला दिया। जिनमें एक पिछले दिनों दिया फैसला भी शामिल है,जिसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि सुधारात्मक दुष्टिकोण अपनाना चाहिए। इसलिए पीठ ने आरोपी की फांसी को सजा को बदलते हुए उसे उम्रकैद की सजा दी है। जो कम से कम तीस साल की होगी।