गैर व्यवहाहिक रिश्ते है खतरनाक सामाजिक बुराई- मद्रास हाईकोर्ट [आर्डर पढ़े]

Live Law Hindi

22 March 2019 10:12 AM GMT

  • गैर व्यवहाहिक रिश्ते है खतरनाक सामाजिक बुराई- मद्रास हाईकोर्ट [आर्डर पढ़े]

    गैर व्यवहाहिक रिश्तों को खतरनाक सामाजिक बुराई करार देते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार व राज्य सरकार के कई सारे सवाल पूछे है।

    जस्टिस एन.किरूबाकरन व जस्टिस अब्दुल क्यूदधोष ने दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे इन अवैध रिश्तों के प्रति चिंता जाहिर की है क्योंकि अंत में ऐसे रिश्ते गंभीर अपराधों को जन्म देते है जिनमें हत्या व अपहरण आदि शामिल हैं।

    बेंच शुरूआती तौर पर यह जानना चाहती है कि क्या निम्नलिखित तत्व इस तरह के गैर कानूनी रिश्तों को बढ़ाने में अपनी भूमिका निभा रहे है।जिनमें टीवी सीरियसिल,सिनेमा,जीवनसाथी का आर्थिक रूप से स्वावलंबी होना,सोशल मीडिया,एकल परिवार,पश्चिमीकरण,शराब,नैतिक शिक्षा की कमी,अरेंज्ड मैरिज,कामकाजी महिलाओं का पब्लिक एक्सपोजर बढ़ना और उनका अपने सहकर्मियों से मेल-जोल बढ़ना।

    बेंच इस मामले में एक हैबीएस काॅरप्स पर सुनवाई कर रही थी। इस मामले में अजीत कुमार नामक एक व्यक्ति को गुंडास एक्ट के तहत हिरासत में लिया गया था,उसी को चुनौती दी गई थी। अजीत कुमार व अन्य पर आरोप है कि एक महिला से अवैध रिश्तों को लेकर हुए विविाद के चलते उन्होंने जोशेप नामक व्यक्ति ही हत्या कर दी थी। बेंच ने अजीत को हिरासत में लिए जाने पर सवाल उठाते हुए टिप्पणी की है कि-

    इस मामले में गैर व्यवहाहिक या अवैध रिश्ता हत्या का मुख्य कारण है। भारत में शादी प्यार,विश्वास,निष्ठा व तर्कसंगत उम्मीदों पर टिकी हैं।शादी-शुदा रिश्ते को पवित्र या अटूट माना जाता है।परंतु यही अटूट या पवित्र रिश्ता बाहरी हस्तक्षेप या अवैध रिश्तों के कारण डराने वाला बनता जा रहा है,जिससे परिवार टूट रहे है।

    कोर्ट ने इस मामले को लंबित रखते हुए परिवार कल्याण मंत्रालय,नई दिल्ली व राज्य सरकार से कहा है कि इस मामले पर विचार करें।

    कोर्ट ने कहा कि बढ़ते अपराधों को देखते हुए विशेषतौर पर अवैध संबंधों के कारण होने वाली हत्याओं के मामले पर विचार करना उनकी जिम्मेदारी है। गैर व्यवहाहिक संबंधों के लिए जिम्मेदार कारणों को खोजने व इन मामलों पर ध्यान देने का यह एक प्रयास है ताकि इस तरह के अपराधों को कम किया जा सके। इसलिए कोर्ट ने यह सब सवाल उठाए है।

    इसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार व राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह कोर्ट की तरफ से किए गए बीस सवालों को जवाब दे। कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि यह सवाल न तो कोर्ट का विचार है,न ही कोई निष्कर्ष है।

    • पिछले दस सालों में भारत में,तमिलनाडू में व चेन्नई में गैर व्यवहाहिक संबंधों के कारण कितनी हत्याएं हुई है। इसका ब्यारों सालदर साल दिया जाए।
    • पिछले दस साल में भारत में,तमिलनाडू में व चेन्नई में अवैध संबंधों के कारण हत्या के अलावा आत्महत्या,अपहरण,हमला करने आदि के कितने केस सामने आए है।
    • क्या हर साल अवैध संबंधों के कारण होने वाले अपराधों में असाधारण बढ़ौतरी हुई है।
    • क्या हमारे देश में अपवादक या कुत्सित संबंधों को बढ़ाने में टीवी सीरियल व सिनेमा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।
    • क्या मेगा टीवी सीरियल व सिनेमा अवैध रिश्तों में सलिंप्त लोगों को हत्या व अपहरण जैसे अपराध करने के संकेत या सुराग दे रहे है।
    • क्या जीवनसाथी द्वारा अपने पति या पत्नी से पीछा छुड़ाने के लिए पेड किलर हो हायर करने या काम सौंपने के मामले बढ़ रहे है।
    • पति-पत्नी,दोनों का आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना,क्या इस तरह के गैर व्यवहाहिक संबंधों को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार तत्व है।
    • क्या जीवनसाथी का सैक्सुअल तौर पर कमजोर होना या उसमें इस तरह की शारीरिक अक्षमता के कारण हस तरह के अवैध रिश्तों बढ़ रहे है।
    • क्या इंटरनेट के कारण इस तरह के अवैध रिश्तों को बढ़ावा मिल रहा है क्योंकि इंटरनेट से फेसबुक,फेसटाइम,वटसएप्प,इंस्टाग्राम आदि प्लेटफार्म मिल रहे है,जिनके जरिए अंजान लोगों के जुड़ने का मौका मिल जाता है।
    • क्या हमारे कल्चर व जीने के तरीके में बढ़ते पाश्चात्य के प्रभाव के कारण इस तरह के अवैध रिश्ते बढ़ रहे है।
    • क्या मदों के शराब पीने की आदत के कारण होने वाली अशक्तता इस तरह के अवैध रिश्तों को बढ़ा रही है।
    • क्या जीवनसाथी का एक-दूसरे के साथ अच्छा समय कम बीता पाना, भावुक रूप से कमजोर होना,मनोवैज्ञानिक या मानसिक सहयोग न मिलना व शारीरिक सुख न मिलने के कारण इस तरह की अवैध संलिप्तता बढ़ रही है।
    • क्या महिलाओं की सार्वजनिक पहुंच बढ़ने,जिस कारण वह आसानी से प्रतिबंध लगाने वाली रिवाजों को तोड़ पाती है और उनका अपने सहकर्मियों से बढ़ता मेल-जोल,इस तरह के अवैध रिश्तों को बढ़ाने वाले कारणों में शामिल है।
    • क्या संयुक्त परिवारों को टूटना व एकल परिवारों का बढ़ता चलन इस तरह के अवैध रिश्तों के लिए जिम्मेदार है।
    • क्या यह कहना सही होगा कि स्कूलों में नैतिक शिक्षा व आचार संबंधी शिक्षा का न दिया जाना अवैध रिश्तों सहित कई सामाजिक बुराईयों के लिए प्राथमिक तौर पर जिम्मेदार है।
    • क्या दूल्हे या दुल्हन की मर्जी के खिलाफ होने वाली अरेंज्ड मैरिज के कारण इस तरह के अवैध संबंध बन रहे है।
    • क्या जीवनसाथी का एक-दूसरे के लिए उपयुक्त न होना भी इस तरह के अवैध संबंध का कारण बनता है।
    • इस तरह के अवैध वैवाहिक रिश्तों को बढ़ाने के लिए,कौन-कौन से सामाजिक,मनोवैज्ञानिक व आर्थिक कारण है।
    • गैर व्यवहाहिक रिश्तों से बढ़ते सामाजिक खतरे के कारणों का विश्लेषण करने,इस तरह के रिश्तों के बढ़ने के कारणों को खोजने,इस तरह की बुराई को खत्म करने के लिए सुझाव देने,परिवारों और समाज की भलाई के लिए इनसे जुड़े अपराधों को होने से रोकने के लिए ,क्यों केंद्र सरकार व राज्य सरकार एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन कर रही है। जो सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज के निर्देशन में गठित की जाए। इस कमेटी में मनोवैज्ञानिक,मनोचिकित्सक,एंडरोलाॅजिस्ट,न्यूरोलाॅजिस्ट,फिजिशियन,सामाजिक कार्यकर्ता व उन एनजीओ को शामिल किया जाए,जो परिवारों के बचाव के लिए काम कर रही है।
    • सरकार हर जिले में जीवनसाथियों की काउंसलिंग करने के लिए फैमिली काउंसलिंग सेंटर का गठन क्यों नहीं कर सकती है।


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