जब कोर्ट फ़िज़िकल रूप से कामकाज शुरू करने की तैयारियां कर रहा है तो परीक्षाएं आयोजित क्यों नहीं की जा सकती? सुप्रीम कोर्ट ने NEET-JEE याचिका पर कहा
LiveLaw News Network
17 Aug 2020 11:35 AM GMT
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Supreme Court of India
NEET-JEE परीक्षा को स्थगित करने की मांग वाली याचिका पर विचार करते हुए, पीठ का नेतृत्व कर रहे न्यायाधीश, न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा कि COVID-19 के दौरान भी जीवन को आगे बढ़ना चाहिए।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने याचिकाकर्ताओं के वकील अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव से पूछा, "क्या आप मांग नहीं कर रहे हैं कि न्यायालय खुलने चाहिए? जब अदालतें शारीरिक रूप से कामकाज शुरू करने के लिए तैयार हो रही हैं, तो आप कैसे कह सकते हैं कि परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकती? क्यों परीक्षाएं नहीं हो सकतीं?"
न्यायमूर्ति मिश्रा ने पीठ के समक्ष ग्लास स्क्रीन पर वकील का ध्यान आकर्षित किया, जिससे कोर्ट में शारीरिक रूप से सुनवाई फिर से शुरू करने की तैयारी में है।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने यह भी कहा कि परीक्षा स्थगित करने से छात्रों का करियर खतरे में पड़ गया है।
'अगर परीक्षा नहीं हुई तो क्या यह देश के लिए नुकसान नहीं होगा? जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि छात्रों का शैक्षणिक वर्ष खत्म हो जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट सीमित कार्यशैली में कोर्ट रूम में शारीरिक सुनवाई फिर से शुरू करने की संभावना तलाश रहा है।
मार्च में लॉकडाउन के बाद से कोर्ट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए काम कर रहा है।
NEET-JEE को स्थगित करने की याचिका को शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया।