उन्नाव गैंगरेप से जुड़े सड़क हादसे की जांच के लिए सीबीआई को 2 सप्ताह का समय और मिला

LiveLaw News Network

19 Aug 2019 11:27 AM GMT

  • उन्नाव गैंगरेप से जुड़े सड़क हादसे की जांच के लिए सीबीआई को 2 सप्ताह का समय और मिला

    उन्नाव गैंगरेप मामले से जुड़े रायबरेली सड़क हादसे मामले की जांच पूरी करने के लिए सीबीआई को 2 सप्ताह का और समय मिल गया है।

    सीबीआई ने मांगा था 4 हफ्ते का समय

    सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपक गुप्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीबीआई की उस अर्जी पर विचार किया जिसमें इस मामले की जांच पूरी करने के लिए 4 सप्ताह का समय मांगा गया था। सीबीआई की ओर से पीठ को यह बताया गया कि कि हादसे में गंभीर रूप से जख्मी पीड़िता व उनके वकील के बयान दर्ज नहीं हो पाए हैं। इसके अलावा एजेंसी ने इलेक्ट्रॉनिक्स व वैज्ञानिक साक्ष्य भी इकट्ठा किए हैं जिनका मिलान किया जाना है। इसलिए 4 सप्ताह का समय दिया जाना चाहिए।

    हादसे में घायल वकील को मुआवजे के तौर पर मिलेंगे 5 लाख रुपए

    वहीं पीठ को यह बताया गया कि हादसे में घायल वकील महेंद्र सिंह की हालत भी गंभीर है। पीड़िता को 25 लाख रुपये मुआवजा मिला है जबकि वकील को कोई सहायता नहीं मिली है। इस पर पीठ ने वकील को भी 5 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पीठ ने ये भी कहा कि पीड़िता के परिवार वालों को मीडिया में बयान नहीं देने चाहिए क्योंकि इसका फायदा आरोपियों को हो सकता है। पीठ ने कहा कि उन्हें कोई परेशानी हो तो अदालत यहां मौजूद है।

    मामले में अब तक हुई प्रगति

    इससे पहले इस मामले में 2 अगस्त को दूसरी बार सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में संशोधन करते हुए रायबरेली सड़क हादसे मामले को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर करने के अपने फैसले पर 15 दिनों के लिए रोक लगा दी थी।

    पीठ ने ये आदेश सीबीआई की उस अर्जी पर दिया जिसमें यह कहा गया था कि हादसे की जांच को पूरा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एजेंसी को 14 दिनों का समय दिया है। SG तुषार मेहता ने कोर्ट को यह बताया था कि इस केस में उसे जेल में बंद आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व अन्य को हिरासत में लेकर पूछताछ करनी है। पीठ ने तुरंत आदेश में संशोधन करते हुए कहा था कि पीठ के इस केस के ट्रांसफर के आदेश पर 15 दिनों के लिए रोक रहेगी।

    इसी दिन उन्नाव मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार पीड़िता के चाचा को रायबरेली जेल से तुंरत दिल्ली की तिहाड़ जेल ट्रांसफर करने के आदेश जारी किए थे। पीठ ने मीडिया को भी यह निर्देश दिया है कि वो पीड़िता की पहचान उजागर ना करे।

    दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त को बलात्कार पीड़िता की ओर से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व अन्य के खिलाफ दर्ज पांचों केसों को उत्तर प्रदेश से दिल्ली की तीस हजारी अदालत में ट्रांसफर कर दिया था। पीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो को 2 सप्ताह के भीतर रायबरेली हादसे की जांच पूरी करने का निर्देश दिया था और दिल्ली की तीस हजारी के जिला जज धर्मेश शर्मा को तुरंत ट्रायल शुरू कर सभी केसों की 45 दिनों में सुनवाई पूरी करने के निर्देश दिए। पीठ ने सीबीआई अधिकारियों को कोर्ट में बुलाकर केस की जानकारी लेने के बाद पीड़िता, उसके परिवार, वकील व उसके परिवार को CRPF की सुरक्षा मुहैया कराने को कहा था। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को पीड़िता को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने के निर्देश भी दिए।

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