TikTok : सुप्रीम कोर्ट ने एप के खिलाफ चल रहे केस को मद्रास हाईकोर्ट से ट्रांसफर करने से इनकार किया

Live Law Hindi

4 July 2019 5:13 PM GMT

  • TikTok : सुप्रीम कोर्ट ने एप के खिलाफ चल रहे केस को मद्रास हाईकोर्ट से ट्रांसफर करने से इनकार किया

    सुप्रीम कोर्ट ने चीनी मोबाइल एप TikTok को लेकर मद्रास हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई को ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया है।

    SC ने मामले में दखल देने से किया इनकार
    चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ ने गुरुवार को बायटडांस (इंडिया) टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद कहा कि इस मामले को मदुरै पीठ अच्छी तरह देख सकती है इसलिए सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दखल नहीं देगा।

    सिंघवी ने इस दौरान यह कहा था कि ये मामला बड़ा है इसलिए इसे सीधे सुप्रीम कोर्ट को सुनना चाहिए।

    टिक टॉक पर बीते 24 अप्रैल को लगा बैन हटाया गया था
    इससे पहले 24 अप्रैल को मद्रास हाईकोर्ट ने TikTok पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था। हालांकि पीठ ने यह शर्त भी लगाई कि TikTok एप पर कोई भी अश्लील सामग्री नहीं होनी चाहिए।

    तय शर्तों के पालन के दिये गये थे निर्देश
    03 अप्रैल के अंतरिम रोक के फैसले को वापस लेते हुए मदुरै बेंच में न्यायमूर्ति एन. किरुबाकरन और न्यायमूर्ति एस. एस. सुंदर की पीठ ने कहा था कि अगर तय शर्तों का पालन नहीं किया गया तो फिर अदालत की अवमानना की कार्रवाही की जाएगी।

    बायटडांस ने अश्लील पोस्ट रोकने के लिए दिखाई प्रतिबद्धता
    वहीं इस दौरान याचिकाकर्ता बायटडांस (इंडिया) टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अरविंद दातार ने पीठ को यह बताया था कि कंपनी, एप पर किसी भी तरह के अश्लील पोस्ट को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। उसने पिछले कुछ समय में 6 मिलियन से अधिक आपत्तिजनक सामग्री को हटाया भी है।

    SC ने मद्रास HC से TikTok एप के एकपक्षीय बैन पर फैसला लेने को कहा था
    गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 22 अप्रैल को मद्रास उच्च न्यायालय को यह कहा था कि वो TikTok मोबाइल एप के एकपक्षीय बैन पर 24 अप्रैल को फैसला करे। पीठ ने ये भी साफ कर दिया था कि अगर उस दिन इस पर फैसला नहीं हुआ तो एप पर लगा बैन हट जाएगा।

    क्या था यह पूरा मामला ?
    दरअसल मद्रास उच्च न्यायालय के TikTok मोबाइल एप के डाउनलोड पर रोक लगाने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। बायटडांस (इंडिया) टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड जो मोबाइल एप्लिकेशन का मालिक है, ने मदुरै पीठ के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिसमें सरकार को एप पर बैन लगाने को कहा था।

    एस. मुथुकुमार द्वारा इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की याचिका पर विचार करते हुए पीठ ने अधिकारियों से TikTok मोबाइल एप के डाउनलोड पर रोक लगाने का निर्देश दिया था।

    पीठ ने मीडिया को TikTok मोबाइल ऐप का उपयोग करके बनाए गए वीडियो के प्रसारण से भी रोक दिया था। पीठ ने कहा था कि केंद्र सरकार चाहे तो वह बच्चों को साइबर/ऑनलाइन शिकार बनने से रोकने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अधिनियमित बाल ऑनलाइन गोपनीयता संरक्षण अधिनियम जैसा कानून ला सकती है।

    Tags
    Next Story